होम बिज़नेस CBDT extends IT exemption window for sovereign wealth pension funds till 2030 know details सरकार का बड़ा तोहफा, इन टैक्सपेयर्स को मिली राहत, अगले 6 साल के लिए बढ़ा दी गई डेडलाइन, Business Hindi News

CBDT extends IT exemption window for sovereign wealth pension funds till 2030 know details सरकार का बड़ा तोहफा, इन टैक्सपेयर्स को मिली राहत, अगले 6 साल के लिए बढ़ा दी गई डेडलाइन, Business Hindi News

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सरकार को उम्मीद है कि इस छूट से सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स भारत के हाईवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, रियल एस्टेट और ऊर्जा परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश करेंगे, जिससे रोजगार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानWed, 3 Sep 2025 06:45 AM

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को सॉवरेन वेल्थ फंड्स (SWFs) और पेंशन फंड्स को बड़ी राहत दी है। बोर्ड ने इन फंड्स को आयकर छूट का लाभ उठाने की समयसीमा 6 साल के लिए और बढ़ा दी है। अब ये छूट 2030 तक लागू रहेगी। यह फैसला आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(23FE) के तहत दिया गया है, जो कुछ खास विदेशी निवेशकों को भारत में किए गए निवेश पर टैक्स छूट प्रदान करता है। इस कदम का मकसद भारत में लंबी अवधि के विदेशी निवेश को आकर्षित करना और इंफ्रास्ट्रक्चर व विकास परियोजनाओं को गति देना है। सरकार को उम्मीद है कि इस छूट से सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स भारत के हाईवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, रियल एस्टेट और ऊर्जा परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश करेंगे, जिससे रोजगार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

किन लोगों को मिलेगा फायदा

बता दें कि यह कदम लंबे समय तक निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों (सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स) को भारत में किए गए योग्य निवेशों पर 31 मार्च 2030 तक टैक्स छूट का लाभ लेने की अनुमति देता है। इससे पहले, वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने इसी साल जुलाई में अधिसूचना जारी करके ऐसी ही छूट की समयसीमा बढ़ाई थी। यह घोषणा सरकार ने इस साल के केंद्रीय बजट में की थी, जिसे अब औपचारिक रूप से लागू किया गया है।

आयकर अधिनियम की धारा 10(23FE), जिसे साल 2020 में लागू किया गया था, के तहत अधिसूचित सॉवरेन वेल्थ फंड्स (SWFs) और पेंशन फंड्स को खास छूट दी गई है। इसके अनुसार, यदि ये फंड्स निर्धारित इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबारों में निवेश करते हैं, तो उन्हें उस निवेश से मिलने वाले डिविडेंड, ब्याज और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, कुछ उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना था कि यह छूट और भी लंबी अवधि के लिए दी जानी चाहिए थी, क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स आमतौर पर कई दशकों तक चलते हैं।

क्या है डिटेल

बता दें कि इस टैक्स छूट का असर हाल के वर्षों में साफ दिखाई दिया है। सॉवरेन वेल्थ फंड्स (SWFs) और पेंशन फंड्स के प्रत्यक्ष निवेश 2021 में 3.797 अरब डॉलर से लगभग दोगुना बढ़कर 2022 में 6.712 अरब डॉलर तक पहुँच गए। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय कंपनियों में ऐसे फंड्स की एसेट्स अंडर कस्टडी अप्रैल 2024 को समाप्त 12 महीनों में साल-दर-साल 60% बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो गई। अब तक सरकार ने लगभग 35 सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड्स को इस टैक्स छूट के लिए अधिसूचित किया है। इनमें सऊदी अरब का समा फॉरेन होल्डिंग्स, सिंगापुर के GIC और टेमासेक, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, और नॉर्वे का गवर्नमेंट पेंशन फंड जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं।

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