होम देश Why KCR expel his daughter Kavitha from party know reason and political family drama पुत्र मोह या कुछ और? भाई-बहन की लड़ाई में बेटी की ‘सियासी बलि’, जानें KCR के घर की कहानी, India News in Hindi

Why KCR expel his daughter Kavitha from party know reason and political family drama पुत्र मोह या कुछ और? भाई-बहन की लड़ाई में बेटी की ‘सियासी बलि’, जानें KCR के घर की कहानी, India News in Hindi

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तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के परिवार की कलह अब सार्वजनिक हो चुकी है। केसीआर ने अपनी बेटी के कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया है। कविता ने एक दिन पहले अपने चचेरे भाई और पूर्व मंत्री टी हरीश राव और पार्टी सांसद संतोष कुमार के खिलाफ बयान दिए थे।

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के परिवार की कलह अब सार्वजनिक हो चुकी है। केसीआर ने अपनी बेटी के कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया है। कविता ने एक दिन पहले अपने चचेरे भाई और पूर्व मंत्री टी हरीश राव और पार्टी सांसद संतोष कुमार के खिलाफ बयान दिए थे। मई में कविता ने अपने भाई केटी रामाराव (केटीआर) पर भी आरोप लगाए थे। बीआरएस ने एक्स पर पोस्ट किया कि पार्टी नेतृत्व इस मामले को गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि कविता का हालिया व्यवहार और पार्टी विरोधी गतिविधियां बीआरएस को नुकसान पहुंचा रही हैं। अब सवाल उठता है कि क्या केसीआर ने पुत्र मोह में अपनी बेटी की सियासी बलि ले ली?

कविता के निलंबन पर पार्टी का बयान

तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य के कविता पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में यह कार्रवाई हुई। बीआरएस के महासचिव टी अरविंद राव और सोमू भारत कुमार ने मंगलवार को कहा कि केसीआर ने कविता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने कविता के हालिया कार्यों और पार्टी विरोधी गतिविधियों से होने वाले नुकसान को गंभीरता से लिया है।

कविता के चचेरे भाई-बहन कौन हैं?

निलंबन का तात्कालिक कारण कविता द्वारा अपने चचेरे भाइयों टी हरीश राव और संतोष कुमार के खिलाफ हालिया बयान हैं। कविता ने सोमवार को हरीश राव, संतोष कुमार और पूर्व राज्यसभा सदस्य मेघा कृष्ण रेड्डी पर केसीआर की छवि खराब करने का आरोप लगाया। कविता ने कहा कि उनके पिता को बदनाम करने के लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ इनकी मौन सहमति है। रेवंत रेड्डी सरकार ने बीआरएस शासनकाल की कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आदेश दिया है।

केसीआर पर भ्रष्टाचार का दाग क्यों?

कविता ने कहा कि बीआरएस कार्यकर्ताओं को सोचना चाहिए कि केसीआर पर भ्रष्टाचार का दाग क्यों लगा। केसीआर के कुछ करीबियों ने उनके नाम का दुरुपयोग कर लाभ उठाया, जिससे उनकी छवि खराब हुई। कविता ने कहा कि अगर ऐसे लोगों को प्रोत्साहन मिलता रहेगा, तो पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी। उन्होंने हरीश राव, जो पांच साल तक सिंचाई मंत्री रहे, और संतोष कुमार को कालेश्वरम प्रकरण में केसीआर की बदनामी के लिए जिम्मेदार ठहराया।

कविता को बोग्गू गनी कार्मिक संघम से हटाया गया

अगस्त में कविता को तेलंगाना बोग्गू गनी कार्मिक संघम के मानद अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। कविता ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। वह पार्टी के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं और आंतरिक मामलों पर सवाल उठाती रही हैं।

रक्षाबंधन पर कविता और केटीआर के बीच दूरी

खबरों के मुताबिक, इस साल कविता रक्षाबंधन समारोह में शामिल नहीं हुईं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने भाई केटीआर को राखी बांधेंगी, तो उन्होंने हां कहा, लेकिन बाद में बताया कि केटीआर बेंगलुरु या हैदराबाद में नहीं थे।

मई में केसीआर को लिखा छह पन्नों का पत्र

पिछले साल जमानत मिलने के बाद कविता ने अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की और पार्टी के खिलाफ मुखर हो गईं। मई में उन्होंने केसीआर को छह पन्नों का पत्र लिखा, जो लीक हो गया। इसमें उन्होंने केटीआर पर पार्टी का बीजेपी में विलय करने और उन्हें पार्टी से बाहर करने की कोशिश का आरोप लगाया। कविता ने केसीआर को ‘शैतानों से घिरा भगवान’ बताया और 2019 के निजामाबाद चुनाव में अपनी हार के लिए पार्टी के कुछ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया।

शराब घोटाला और कविता की गिरफ्तारी

मार्च 2024 में शराब घोटाला मामले में ईडी ने कविता को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि कविता ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर दिल्ली की 2021-22 आबकारी नीति को प्रभावित करने की साजिश रची और ₹100 करोड़ की रिश्वत का इंतजाम किया। अगस्त 2024 में कविता को जमानत मिली।

कौन हैं कविता?

केसीआर की बेटी और केटीआर की बहन के कविता का जन्म करीमनगर में हुआ। उन्होंने हैदराबाद में शिक्षा प्राप्त की और VNRVJIET से कंप्यूटर साइंस में बीटेक, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न मिसिसिपी से एमएस की डिग्री हासिल की। भारत लौटने के बाद वह तेलंगाना आंदोलन में सक्रिय रहीं। 2014 में वह निजामाबाद से टीआरएस (अब बीआरएस) की पहली महिला सांसद बनीं। 2019 में वह चुनाव हार गईं, लेकिन निजामाबाद से एमएलसी चुनी गईं।

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