तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोआन इन दिनों परेशान बताए जा रहे हैं.
11 साल से तुर्की की सत्ता में काबिज राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन इन दिनों काफी परेशान बताए जा रहे हैं. वो भी तब, जब तुर्की में सब कुछ कंट्रोल में है. 2019 के बाद से तुर्की में एर्दोआन की मजबूत सरकार है. उनके कई धुरविरोधी जेल के सलाखों के पीछे हैं. एर्दाओन की कूटनीति भी सही रास्ते पर है. एक तरफ एर्दोआन अमेरिका तो दूसरी तरफ रूस को भी साधकर चल रहे हैं. ईरान से भी उनकी दोस्ती है तो इजराइल के साथ भी उनका कारोबार चल रहा है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि तुर्की के एर्दोआन फिर परेशान क्यों हैं? इस रिपोर्ट में इसे डिटेल में समझते हैं…
एर्दोआन क्यों हैं परेशान?
सीरिया में बशर अल असद का जाना एर्दोआन के लिए खुशखबरी था. असद के बाद एर्दोआन के भरोसेमंद सहयोगी अल शरा सीरिया के राष्ट्रपति बनाए गए. एर्दोआन इसके बाद सीरिया के एकीकरण में जुट गए. इसके तहत उन्होंने सीरिया के अलावी, कुर्द्स और ड्रूज को जोड़ने के मुहिम में जुट गए.
एर्दोआन की पहली कोशिश कुर्द्स को साधने की थी. सीरिया में एसडीएफ कुर्द्स लड़ाकों का संगठन है. शुरू-शुरू में एसडीएफ के लड़ाकों ने साथ मिलकर काम करने की बात कही थी, लेकिन अब बगावत कर दी है.
तुर्की टुडे के मुताबिक एसडीएफ के लड़ाके इजराइल के साथ मिल गए हैं. एसडीएफ के पास करीब 1 लाख लड़ाके हैं, जिससे लड़ना तुर्की के लिए आसान नहीं है.
परेशान होने की दूसरी वजह इजराइल का सीरिया में अटैक करना है. दिसंबर 2024 से अब तक इजराइल ने सीरिया में 400 हमले किए हैं. हर 3 दिन पर इजराइल सीरिया पर अटैक कर रहा है. इजराइल के निशाने पर सीरिया के मुख्य लड़ाके हैं.
इजराइल और एसडीएफ की कोशिश सीरिया को 3 भागों में बांटने की है. एसडीएफ के लड़ाकों का जिन इलाकों में प्रभाव है, वो तुर्की की सीमा के करीब है.
परेशान होने की एक वजह यह भी
एर्दोआन के परेशान होने की एक वजह विपक्षी पार्टी के संभावित उम्मीदवार हैं. तुर्की की विपक्षी सीएचपी इस बात पर विचार कर रही है कि क्या अंकारा के मेयर को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया जाए?
मंसूर अब्बास तुर्की के अंकारा के मेयर हैं. इससे पहले इंस्ताबुल के मेयर इमोगोलू को विपक्षी पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए प्रमोट कर रही थी, लेकिन उन्हें जेल भेज दिया गया.
इमोगोलू के जेल जाने के बाद इंस्ताबुल समेत पूरे तुर्की में जबरदस्त विरोध हुआ था. इमोगोलू को जेल भेजकर उस वक्त एर्दाओन ने अपनी टेंशन को खत्म कर लिया था, लेकिन जिस तरीके से अब अंकारा के मेयर की लोकप्रियता बढ़ रही है. वो टेंशन बढ़ाने वाली है. एर्दोआन भी राष्ट्रपति बनने से पहले मेयर के पद पर ही थे.