अफगान अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से जलालाबाद में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1400 से ज्यादा हो गई है और 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. वहीं WHO के मुताबिक 12 हजार से ज्यादा लोग इस भूकंप की चपेट में आए हैं.
अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर जानकारी दी कि पूर्वी अफगानिस्तान में आए खतरनाक भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,400 के पार पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जीवित बचे लोगों की तलाश में इलाके में बचाव टीमें अभियान चला रही हैं. बता दें, अभी भी कई लोगों के मलबें में दबे होने की आशंका है.
कैसे आया भूकंप?
रविवार देर रात को पर्वतीय क्षेत्र में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप से कई गांव तबाह हो गए और लोग घंटों मलबे में फंसे रहे. इससे पहले, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने बताया, “घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए ये आंकड़े बदल सकते हैं.”
उन्होंने बताया, “भूकंप की वजह से कुछ इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें कट गई, लेकिन उन्हें फिर से खोल दिया गया है और बाकी सड़कों को भी खोल दिया जाएगा ताकि उन इलाकों तक पहुंच आसान हो सके जहां पहुंचना मुश्किल था.”
कुनार प्रांत में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान?
ज़्यादातर नुकसान कुनार प्रांत में हुआ है. घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है और राहत एजेंसियों ने बताया कि उनकी टीम ऊबड़-खाबड़ रास्तों और टूटी सड़कों की वजह से दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचने के लिए पैदल सफर कर रही हैं.
तालिबान सरकार ने दुनिया से मांगी मदद
तालिबान की ओर से विश्व समुदाय से मदद की अपील की गई है. ब्रिटेन ने 10 लाख पाउंड (13 लाख अमेरिकी डॉलर) की आपात सहायता देने का वादा किया है, जिसे तालिबान सरकार के बजाय मानवीय एजेंसियों के बीच बांटा जाएगा, बता दें, ब्रिटेन तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता है.
चीन के अलावा कई और देशों ने भी आपदा राहत सहायता की पेशकश की है. साल 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह तीसरा बड़ा भूकंप है और अफगानिस्तान के लिए यह नया संकट है, जो सहायता निधि में भारी कटौती और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहा है.