समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक रंजन ने कई मुद्दों पर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला.रामस्वरूप प्रकरण पर एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि छात्रों की कोई राजनीतिक पार्टी नहीं होती, उनकी आवाज को सरकार को गंभीरता से सुनना चाहिए था.
उन्होंने आरोप लगाया छात्र हित में जो आवाज उठाई गई, उस पर सरकार को डेलिगेशन बुलाकर बातचीत करनी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्य से छात्रों की बर्बर पिटाई की गई. यह सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
छात्रों का मनोबल तोड़ा जा रहा है: दीपक रंजन
उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज कर आवाज दबाना लोकतांत्रिक तरीका नहीं है. छात्रों का मनोबल तोड़ा जा रहा है. उन्होंने 2003 का जिक्र करते हुए कहा कि जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे, तब खुद छात्रों के बीच जाकर समस्या का समाधान कराया गया था.
धीरेन्द्र शास्त्री की सनातन एकता यात्रा पर भी सपा प्रवक्ता ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, और अगर संविधान किसी चीज की अनुमति नहीं देता तो उसे नहीं होना चाहिए.
सपा प्रवक्ता ने लगाए ये आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि शास्त्री समाज को हिंदू-मुस्लिम करके बांटना चाहते हैं. यह वोटों का तुष्टिकरण है. हम भी हिंदू हैं और सनातन से प्यार करते हैं, लेकिन किसी को यह अधिकार नहीं कि वह तय करे कौन बड़ा हिंदू है.दीपक रंजन ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर उनकी मंशा सही नहीं है, तो सरकार को इस यात्रा पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसे उन्होंने सरकार-प्रायोजित यात्रा बताया, जो समाज में सौहार्द बिगाड़ेगी.
एमआईएम की ओर से बारावफात पर शराबबंदी की मांग पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है. हालांकि उन्होंने तंज कसा कि कांवड़ यात्रा के समय प्रशासन ने जबरिया दुकानों को बंद कराया था, जो उचित नहीं था. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर किसी भी मांग पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
डुप्लीकेट वोटर्स पर बोले सपा प्रवक्ता
पंचायत चुनाव के पहले सवा करोड़ डुप्लीकेट वोटर के मुद्दे पर दीपक रंजन ने कहा कि 2022 में अखिलेश यादव ने 18,000 इनवैलिड वोटर की जानकारी सरकार को दी थी. यह जानकारी मेल पर भेजी गई थी, लेकिन सरकार ने मानने से इंकार कर दिया.उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा यह सरकार वोट से नहीं, बल्कि खोट से जीतना चाहती है.
वहीं उन्होंने बिहार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा है, उन्होंने कहा कि 2024 में जो लोग घुसपैठिए नहीं थे, अचानक उन्हें घुसपैठिया घोषित कर दिया गया. इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला देकर जनता को गुमराह किया जा रहा है. सरकार जबरिया लोगों के वोट काट रही है और जोड़ रही है.