होम देश film on CM Yogi Adityanath what is the controversy that the matter reached the High Court सीएम योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म, क्या है विवाद कि हाई कोर्ट पहुंच गया मामला?, India News in Hindi

film on CM Yogi Adityanath what is the controversy that the matter reached the High Court सीएम योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म, क्या है विवाद कि हाई कोर्ट पहुंच गया मामला?, India News in Hindi

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। फिल्म निर्माता का कहना है कि सेंसर बोर्ड जानबूझकर फिल्म को मंजूरी नहीं दे रहा है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSat, 23 Aug 2025 08:16 AM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म की रिलीज का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। फिल्म निर्माता ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) जानबूझकर फिल्म के प्रमाणन में देरी कर रहा है। वहीं हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी आदेश जारी करने से पहल जज इस फिल्म को देखेंगे। बता दें कि फिल्म का नाम ‘अजयः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी’ है। 25 अगस्त को इस मामले की फिर से सुनवाई होनी है।

सम्राट सिनेमेटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है। उनका कहना है कि फिल्म शांतनु गुप्ता की फिल्म ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ पर आधारित है। सीएम योगी के कार्यालय ने भी फिल्म को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। प्रोड्यूसर ने याचिका में कहा, इस फिल्म का उद्देश्य केवल एक राजनेता का जीवन दिखाना नहीं है बल्कि युवाओं को एकता और अखंडता के लिए एकजुट रहने की प्रेरणा देना भी है।

क्या हैं प्रोड्यूसर के आरोप

सम्राट सिनेमेटिक्स का कहना है कि इस साल 5 जून को सर्टिफिकेशन का आवेदन किया गया था। सीबीएफसी को सात दिन के अंदर आवेदनों की स्क्रूटनी करनी होती है। इसके बाद 15 दिन के अंदर फिल्म की स्क्रीनिंग होती है। हालांकि एक महीना बीत जाने के बाद भी सीबीएफसी कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा रहा है। इसके बाद याचिकारकर्ता ने ‘प्रायॉरिटी स्कीम’ के तहत फिर से आवेदन किया। सीबीएफसी ने 7 जलाई को स्क्रीनिंग की तारीख तय की थी। हालांकि यह तारीख भी रद्द कर दी गई।

याचिकार्ता ने कहा कि सीबीएफसी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा। याचिकाकर्ता कहना है कि सेंसर बोर्ड फिल्म के टीजर, ट्रेलर और प्रमोशनल सॉन्ग की रिलीज में बिना कोई कारण बताए देरी कर रहा है। बोर्ड ने हाई कोर्ट से कहा है कि दो वर्किंड डे के अंदर ही प्रोड्यूसर के आवेदन पर फैसला किया जाएगा। इस फिल्म की रिलीज डेट पहले 1 अगस्त निर्धारित की गई थी।

21 जुलाई को सीबीएफसी ने फिल्ममेकर को बताया कि उनका ऐप्लिकेशन रिजेक्ट कर दिया गया है। इसके बाद याचिकाकर्ता फिर कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने कहा है कि सीबीएफसी को बताना चाहिए कि फिल्म में क्या आपत्तिजनक है। इसके बाद फिल्में में से उस कॉन्टेंट को हटा दिया जाए। सीबीएफसी ने पहले 29 आपत्तियां बताईं जिनमें से 8 को डिलीट कर दिया गया। बोर्ड ने फिल्म के टाइटल पर भी आपत्ति जताई है।

गुरुवार को सीबीएफसी ने कहा कि इस मामले में रिट पेटिशन सही नहीं है। फिल्ममेकर रिवाइजिंग कमेटी के आदेश को सेनेमेटोग्राफी ऐक्ट के तहत चुनौती दे सकता था। वहीं प्रोड्यूसर का कहना है कि रिवाइजिंग कमेटी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट ने कहा कि सीबीएफसी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करने में असफल रहा है। जजों ने कहा कि इस मामले में कोई भी आदेश जारी करने से पहले फिल्म देखी जाएगी

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