होम देश Ahmedabad plane crash air india Ratan Tata US lawyer delay in getting compensation to victims आज रतन टाटा जिंदा होते तो… अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को मुआवजे में देरी पर US वकील, India News in Hindi

Ahmedabad plane crash air india Ratan Tata US lawyer delay in getting compensation to victims आज रतन टाटा जिंदा होते तो… अहमदाबाद प्लेन क्रैश पीड़ितों को मुआवजे में देरी पर US वकील, India News in Hindi

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Ahmedabad plane crash: अहमदबाद प्लेन क्रैश के 65 पीड़ित परिवारों का नेतृत्व करने वाले अमेरिकी वकील एंड्रयूज ने कहा कि अगर आज रतन टाटा जिंदा होते तो पीड़ितों को नौकरशाही प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ता।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 11 Aug 2025 09:14 AM

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलने में हो रही देरी को लेकर अमेरिकी वकील माइक एंड्रयूज ने टाटा समूह की कड़ी आलोचना की है। दुर्घटना के प्रभावित 65 परिवारों का नेतृत्व करने वाले एंड्रयूज ने समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि अगर आज वह जीवित होते तो पीड़ित परिवारों को ऐसी ‘नौकरशाही प्रक्रिया’ का सामना नहीं करता पड़ता।

अहमदाबाद दुर्घटना पर रविवार को एएनआई से बात करते हुए रतन टाटा की विरासत पर भी जोर डाला। उन्होंने कहा कि अगर वह आज यहां पर होते तो पीड़ितों को इतना इंतजार नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा, “अमेरिका में भी, हम जानते हैं कि रतन टाटा कौन थे। हम अमेरिका में उनकी कार्यशैली और विनम्र रहने तथा अपने कर्मचारियों की देखभाल करने पर उनके ध्यान के बारे में थोड़ा-बहुत जानते हैं, इसलिए हम जानते हैं कि अगर वह आज यहाँ होते, तो हमें नहीं लगता कि कर्मचारियों, पीड़ितों और विमान में मौजूद और ज़मीन पर मौजूद लोगों को ऐसी नौकरशाही प्रक्रिया का सामना करना पड़ता जिसमें उन्हें भुगतान में देरी होती।”

मुआवजे में हो रही देरी के कारण एक दुखद मामले की तरफ इशारा करते हुए एंड्रयूज ने एक बूढ़ी महिला के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हम एक पीड़ित परिवार से मिले, बुजुर्ग माँ बिस्तर पर पड़ी थी और अपनी स्वास्थ्य देखभाल के लिए अपने बेटे पर निर्भर थी। अब उसका निधन हो चुका है। उन्हें भुगतान नहीं मिला है। अब उन्हें क्या करना चाहिए?… अब वह दुनिया की दया पर निर्भर हैं कि वह कैसे आगे बढ़ेगी क्योंकि उसकी देखभाल करने वाला व्यक्ति बिना किसी भी गलती के मर गया।”

इससे पहले शुक्रवार को एंड्यूज ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट रिकॉर्डर की जांच के आधार पर संभावित कानूनी रास्तों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि अगर दुर्घटना विमान में किसी खराबी से जुड़ी है, जैसे कि FADEC (फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल) सिस्टम या थ्रॉटल कंट्रोल में कोई समस्या, तो अमेरिका में उत्पाद दायित्व का दावा दायर किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, अगर एयर इंडिया को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है, तो दावे संभवतः मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अंतर्गत आएंगे।

आपको बता दें एयर इंडिया ने 26 जुलाई को विमान दुर्घटना में मारे गए 229 यात्रियों में से 147 और जमीन पर मारे गए 19 और लोगों के परिवारों को 25 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा जारी किया था। इस अंतरिम मुआवजे को बाद में पूर्ण मुआवजे में ही जोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा टाटा समूह ने पीड़ितों की स्मृति में ‘AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ की भी स्थापना की है। ट्रस्ट ने प्रत्येक मृतक व्यक्ति के लिए 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का वचन दिया है और दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए बी.जे. मेडिकल कॉलेज छात्रावास के बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में भी सहयोग प्रदान किया है, तथा त्रासदी से प्रभावित प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं, चिकित्सा कर्मियों और अन्य सहायक कर्मचारियों को सहायता प्रदान की है।

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