उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की ओर से किया जाता है। साथ ही, उच्च सदन के मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं। फिलहाल, लोकसभा में कोई मनोनीत सदस्य नहीं है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की 4 सीटें खाली रहेंगी। 17वें उपराष्ट्रपति का चुनाव 15 सितंबर को होगा। केंद्र शासित प्रदेश की चार सीट रिक्त हैं, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के लगभग 10 महीने बाद भी रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव नहीं कराए हैं। विधायक अपने-अपने राज्यों के राज्यसभा सदस्यों का चुनाव करते हैं।
केंद्र शासित प्रदेश का संसद के उच्च सदन में 15 फरवरी, 2021 से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिस दिन गुलाम नबी आजाद और नजीर अहमद लावे ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। दो अन्य सदस्यों-फयाज अहमद मीर और शमशीर सिंह मन्हास ने उसी वर्ष 10 फरवरी को अपना कार्यकाल पूरा किया था। वर्ष 2022 में उपराष्ट्रपति चुने गए जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था।
उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन करता है मतदान
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की ओर से किया जाता है। साथ ही, उच्च सदन के मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं। फिलहाल, लोकसभा में कोई मनोनीत सदस्य नहीं है। 543 सदस्यीय लोकसभा में पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की एक सीट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में 6 रिक्तियां हैं। राज्यसभा की छह रिक्तियों में से चार जम्मू-कश्मीर से और एक-एक पंजाब व झारखंड से हैं।
कौन सा गठबंधन मजबूत स्थिति में
दोनों सदनों की प्रभावी संख्या 781 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी। बशर्ते कि सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें। लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में 129 सदस्यों का समर्थन है। इसकी प्रभावी संख्या 240 है, बशर्ते मनोनीत सदस्य एनडीए उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें। इस प्रकार, सत्तारूढ़ गठबंधन को लगभग 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।