होम विदेश खत्म नहीं और भीषण होगी रूस-यूक्रेन जंग! पुतिन के इस प्रस्ताव पर ट्रंप राजी लेकिन भड़क गए जेलेंस्की

खत्म नहीं और भीषण होगी रूस-यूक्रेन जंग! पुतिन के इस प्रस्ताव पर ट्रंप राजी लेकिन भड़क गए जेलेंस्की

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जेलेंस्की, ट्रंप और पुतिन

रूस और यूक्रेन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. रूसी सेना पिछले आठ घंटों से युक्रेन पर जबरदस्त हमले कर रही है. रूस की एयर स्ट्राइक उस समय तेज हो गई, जब जेलेंस्की ने ऐलान कर दिया कि वो न तो रूस की शर्तों पर युद्ध विराम करेंगे और न ही रूस को एक इंच जमीन देंगे. जेलेंस्की के ऐलान करने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई है. जिसके बाद रूसी सेना एक बार फिर युक्रेन पर ताबड़-तोड़ हमले कर रही है.

बता दें कि जेलेंस्की ने यह घोषणा उस समय की जब ट्रंप और पुतिन अलास्का में 15 अगस्त को मिलने जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच युद्धविराम को लेकर ट्रंप पुतिन की शर्तों पर राजी हो गए हैं. लेकिन जेलेंस्की इसके लिए तैयार नहीं हैं. जेलेंस्की के इस बयान से ट्रंप और पुतिन दोनों भड़क गए हैं.

युद्ध विराम की संभावना खत्म

जेलेंस्की के ऐलान करने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई है. जेलेंस्की के इस निर्णय से युद्ध की आग और भड़क गई है. इसी घोषणा की वजह से अलास्का में होने जा रही ट्रंप-पुतिन की वार्ता शुरू होने से पहले ही धराशाई गई है. जेलेंस्की ने ऐलान करते हुए कहा कि वो न तो रूस की शर्तों पर युद्ध विराम करेंगे और न ही रूस को अपनी एक इंच भी जमीन देंगे. जेलेंस्की की इस तरह की घोषणा ने ट्रंप के शांति प्रयासों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है.

रूसी सेना युक्रेन पर कर रही है जबरदस्त हमले

जेलेंस्की के ऐलान के बाद रूसी सेना ने पूरे पूर्वी यूक्रेन पर कब्जे का मिशन शुरू कर दिया है. रूसी सेना खारकीव से कीव तक, सूमी से ओडेसा तक जल, थल और नभ से जबरदस्त हमले कर रही है. रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन के 6 फ्रंट पर भीषण हमले कर रही है. मिकोलैव और ओडेसा शहरों में रूस भीषण बमबारी कर रहा है. इस तरह के जबरदस्त हमले के साथ रूस ने पूर्वी यूक्रेन पर कब्जे का अभियान और तेज कर दिया है.

पुतिन की सेना यूक्रेन को 2 भागों में काटने का प्रयास कर रही है और वह पूरे पूर्वी यूक्रेन पर कब्जा करना चाहता है. जिसके कारण अब यूक्रेन के आधे भू-भाग पर खतरा मंडरा रहा है.

रूस इस वजह से कर रहा है युक्रेन पर बारूदी हमला

रूस का यूक्रेन पर नया बारूदी मिशन तब शुरू हुआ, जब जेलेंस्की ने अपनी जमीन देने से मना कर दिया. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात होने वाली थी. पुतिन और ट्रंप शांति के लिए वार्ता करने वाले थे. पुतिन और ट्रंप दोनों इस युद्ध विराम की वार्ता को लेकर तैयार हो गए थे. लेकिन उसी समय जेलेंस्की द्वारा दिए गए बयान में सब कुछ बदल दिया.

ट्रंप के फैसले के खिलाफ क्यों गए जेलेंस्की?

ट्रंप और रूस युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जेलेंस्की इस समझौते को करने के लिए तैयार नहीं है. जेलेंस्की ने ट्रंप के फैसले के खिलाफ जाने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि यूक्रेन की सेना और जनता दोनों नहीं चाहते हैं कि युद्धविराम रूस की शर्तों पर हो. एक सर्वे में यूक्रेन के 76 प्रतिशत लोगों का यही मानना है कि कि रूस की शर्तों पर युद्धविराम उन्हें मंजूर नहीं है. यूक्रेनी सेनाध्यक्ष ने अपने एक बयान में कहा था कि युद्ध विराम ऐसा होना चाहिए जो यूक्रेन के हित में हो. जेलेंस्की को मालूम है कि अगर वो अपनी जनता और सेना के खिलाफ गए, तो दोनों मिलकर उनका तख्तापलट कर देंगी. यही वजह है कि वो एक बार फिर से ट्रंप के खिलाफ खड़े हो गए हैं.

रूस के प्रस्ताव में क्या था?

पुतिन ने युद्ध विराम के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया था. उन्होंने अपने प्रस्ताव में यूक्रेन को डोनेस्क, लुहांस्क, जेपोरिजिया और खेरसोन छोड़ने को कहा. प्रस्ताव में यह भी लिखा था कि अमेरिका इन चारों इलाकों के अलावा क्रीमिया को भी रूसी प्रांत की मान्यता देगा. पुतिन की ये शर्तें ट्रंप ने स्वीकार कर ली थी और दोनों नेता इस युद्ध विराम के लिए राजी हो गए थे. जिसके बाद दोनों नेता एक दूसरे से मिलने वाले थे. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ये बहुत ही मुश्किल काम है लेकिन दोनों देशों की भलाई के लिए जमीनों की अदला-बदली करनी होगी.

ट्रंप पुतिन की शर्तों पर क्यों हो गए राजी?

दरअसल, पिछले साल यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ते हुए अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अफसर का बेटा माइकल ग्लॉस मारा गया था. पुतिन ने माइकल ग्लॉस के पिता को ऑर्डर ऑफ लेनिन पुरस्कार दिया. पुतिन ने ग्लॉस को ये अवार्ड रूस के लिए युद्ध लड़ने और वीरगति को प्राप्त होने पर दिया. ग्लास तक ये अवार्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के जरिए पहुंचा.

बता दें कि विटकॉफ दो दिन पहले मॉस्को पहुंचे थे, जहां पुतिन और विटकॉफ के बीच मुलाकात हुई थी. इसी मुलाकात के दौरान पुतिन ने विटकॉफ को ऑर्डर ऑफ लेनिन अवार्ड सौंपा. विटकॉफ के जरिए ही पुतिन ने ग्लॉस के पिता तक यह पुरस्कार पहुंचाया. बताया जा रहा है कि पुतिन के इस सकारात्मक कदम से ट्रंप इतना प्रभावित हो गए कि उन्होंने पुतिन की शर्तें मान लीं.

ब्युरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष

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