होम छत्तीसगढ़ hamar Chhattisgarh episode 1 durg dog temple many devotees gathered here know full stroy behind this हमर छत्तीसगढ़: क्या आपने देखा है कुत्ते का मंदिर? लोगों की है गहरी आस्था,दिलचस्प है कहानी, Chhattisgarh Hindi News

hamar Chhattisgarh episode 1 durg dog temple many devotees gathered here know full stroy behind this हमर छत्तीसगढ़: क्या आपने देखा है कुत्ते का मंदिर? लोगों की है गहरी आस्था,दिलचस्प है कहानी, Chhattisgarh Hindi News

द्वारा

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि किसी को कुत्ता काट ले तो उसे स्मारक की पूजा-पाठ कर चबूतरे की परिक्रमा करनी होती है। चबूतरे की थोड़ी से मिट्टी खाने से कुत्ते के काटने से होने वाली सारी बीमारी खत्म हो जाती है।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, दुर्गSun, 10 Aug 2025 11:08 AM

देवी-देवताओं का मंदिर आपने देखा है… पूजा-अर्चना करते लोगों को भी आपने देखा होगा… मंदिरों से जुड़ी कई कहानियां भी आपने सुनी ही होगी, लेकिन कुत्ते के मंदिर के बारे में शायद ही सुना हो… तो चलिए आपको ऐसे ही मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां भगवान नहीं बल्कि कुत्ते की पूजा होती है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले में बना है। कुत्ते के इस मंदिर पर लोगों की गहरी आस्था है और अब तक यहां लाखों लोग पहुंच चुके हैं।

दुर्ग जिले के धमधा स्थित भानपुर गांव में कुत्ते का मंदिर है। लोग इसे कुकुरचब्बा मंदिर के नाम से जानते हैं। खेतों के बीच स्थित इस मंदिर के गर्भगृह में कुत्ते की प्रतिमा स्थापित है। एक वफादार कुत्ते की याद में इस मंदिर को बनाया गया था। इस मंदिर की देखरेख कर रहे टीकाराम ने मंदिर निर्माण की कहानी बताई। उन्होंने बताया कि 16-17 वीं शताब्दी के समय कुकुरचब्बा मंदिर का चबूतरा बना है। इस मंदिर में छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा तक के श्रद्धालु आते हैं। कुकुरचब्बा मंदिर में कुत्ते के काटने पर प्राकृतिक इलाज है। यहां के ग्रामीणों और यहां पहुंचने वाले लोगों का दावा है कि कुत्ता स्थापित चबूतरे के पास की चुटकीभर मिट्टी खाने से पागल या सामान्य कुत्ते के काटने से फैलने वाली रेबीज जैसे बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाती है।

साहूकार के पास कुत्ते को रखा गिरवी

धमधा के ग्रामीण बताते हैं कि सदियों पहले एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ इस गांव में आया था। उसके साथ एक कुत्ता भी था। गांव में अकाल पड़ गया तो उस व्यक्ति ने धमधा के एक साहूकार से कर्ज लिया, लेकिन वो कर्ज वापस नहीं कर पाया। ऐसे में उस व्यक्ति ने अपना वफादार कुत्ता साहूकार के पास गिरवी रख दिया। उसी दौरान एक दिन साहूकार के घर में चोरी हो गई। चोरों ने सारा माल पास के ही तालाब में फेंक दिया और सोचा की बाद में उसे निकाल लेंगे, लेकिन कुत्ते को उस चोरी किए माल जानकारी हो गई। साहूकार के पास गिरवी में रखा कुत्ता रोज तालाब के पास जाकर बैठ जाया करता था।

मालिक ने कुत्ते को गुस्से में मार दिया

धमधा के साहूकार को हर दिन कुत्ते के तालाब जाने और वहां जाकर दिनभर बैठने की जानकारी मिली तो उन्होंने तालाब में जाल डलवाया, जहां से साहूकार को चोरी हुआ सारा सामान मिल गया। साहूकार ने कुत्ते की वफादारी से खुश होकर उसे गिरवी से आजाद करने का फैसला कर लिया। साहूकार ने कर्ज लिए व्यक्ति के नाम एक चिट्ठी लिखी और कुत्ते के गले में लटकाकार उसे उसके मालिक के पास भेज दिया। कुत्ता जैसे ही मालिक के पास पहुंचा, उसे लगा कि वह साहूकार के घर से भागकर आ गया है। उसने गुस्से में आकर कुत्ते का सिर हथियार से काट दिया। कुत्ते को मारने के बाद व्यक्ति ने उसके गले में लटकी साहूकार की चिट्ठी पढ़ी तो वह हैरान हो गया। उसे अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ। उसने अपने वफादार कुत्ते को खेत में दफना दिया और चबुतरा बनवा दिया।

कुकुरचब्बा अब तक लाखों लोग आ चुके

खेतों के बीच बने इस चबुतरे (स्मारक) को लोगों ने मंदिर का रूप दे दिया, जिसे आज लोग कुकुरचबा मंदिर के नाम से जानते हैं। अब यहां मंदिर भी बन गया है। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि किसी को कुत्ता काट ले तो उसे स्मारक की पूजा-पाठ कर चबूतरे की परिक्रमा करनी होती है। चबूतरे की थोड़ी से मिट्टी खाने से कुत्ते के काटने से होने वाली सारी बीमारी खत्म हो जाती है। स्थानीय रहवासियों की मानें तो अब तक लाखों लोग इस मंदिर में आ चुके हैं और उन्हें कुत्ता काटने से संबंधित कोई समस्या नहीं है। ईश्वर साहू ने बताया कि कुकुरचब्बा मंदिर में पूजा करने दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर में विधि-विधान से कुत्ते की मूर्ति की पूजा की जाती है, जिसके बाद कुत्ता काटने से संबंधित सारी समस्या खत्म हो जाती है।

रिपोर्ट- संदीप दीवान

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

एक टिप्पणी छोड़ें

संस्कृति, राजनीति और गाँवो की

सच्ची आवाज़

© कॉपीराइट 2025 – सभी अधिकार सुरक्षित। डिजाइन और मगध संदेश द्वारा विकसित किया गया