होम देश Munir became a Field Marshal, we must have won General Upendra Dwivedi takes a dig at Pakistan ऑपरेशन सिंदूर में जीते या हारे, एक पाकिस्तानी क्या देगा जवाब? जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया, India News in Hindi

Munir became a Field Marshal, we must have won General Upendra Dwivedi takes a dig at Pakistan ऑपरेशन सिंदूर में जीते या हारे, एक पाकिस्तानी क्या देगा जवाब? जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया, India News in Hindi

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भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया और जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया।

Operation Sindoor: थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को पाकिस्तान पर करारा तंज कसते हुए कहा कि युद्ध में ‘नैरेटिव मैनेजमेंट’ यानी कथा निर्माण की बड़ी भूमिका होती है। आईआईटी मद्रास में बोलते हुए उन्होंने कहा, “अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि आप जीते या हारे, तो वह कहेगा- ‘मेरा चीफ फील्ड मार्शल बन गया है, जरूर हम जीत गए होंगे, तभी तो वह फील्ड मार्शल बना।’”

जनरल द्विवेदी का इशारा पाकिस्तान सरकार द्वारा अपने सेना प्रमुख असीम मुनीर को पांच सितारा जनरल और फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने की ओर था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी तरह ‘फ्री हैंड’ दिया।

उन्होंने बताया, “22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। अगले दिन 23 अप्रैल को ही हम सब बैठक किए। यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- ‘अब बहुत हो गया।’ तीनों सेना प्रमुख इस बात पर एकमत थे कि कुछ बड़ा किया जाना चाहिए। आदेश साफ था- ‘आप तय करें क्या करना है।’ यह वही भरोसा, राजनीतिक दिशा और स्पष्टता थी जो हमने पहली बार देखी।”

जनरल द्विवेदी ने आगे कहा, “ऐसा आदेश ही आपका मनोबल बढ़ाता है। इसी से हमारे कमांडर जमीन पर जाकर अपने विवेक से कार्रवाई कर पाए।”

इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय केंद्र की राजनीतिक इच्छाशक्ति को दिया था। बेंगलुरु स्थित एचएएल मैनेजमेंट एकेडमी में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “सफलता का एक प्रमुख कारण था स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति। हमें बहुत साफ निर्देश मिले और हम पर कोई बाहरी प्रतिबंध नहीं लगाया गया। जो भी सीमाएं थीं, वे हमने खुद तय कीं। नियम-एंगेजमेंट क्या होंगे, यह हमने तय किया। हमने खुद तय किया कि तनाव को किस तरह नियंत्रित करना है। योजना और क्रियान्वयन की पूरी स्वतंत्रता हमारे पास थी।”

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया और जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया।

पाकिस्तान ने इसके जवाब में सीमा पार से गोलाबारी, ड्रोन हमले की कोशिशें और हवाई कार्रवाई की। भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर रडार सिस्टम, संचार केंद्र और हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाया गया, जिसमें नूर खान एयर बेस भी शामिल था।

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