भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद वीडियो साक्ष्यों की कमी से इसी तरह की समस्याएं पैदा हो सकती थीं, लेकिन अब, हाल ही में संपन्न सैन्य अभियान के वीडियो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख मार्शल एपी सिंह ने शनिवार को इस बात पर खेद जताया किया कि वे देश के कुछ लोगों को 2019 के बालाकोट हवाई हमले के दौरान आतंकवादी शिविरों को हुए नुकसान के बारे में आश्वस्त नहीं कर पाए, जबकि उनके पास इस बारे में मानवीय खुफिया जानकारी थी। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों के पास सीमा पार बालाकोट एयरस्ट्राइक में कई आतंकवादियों के मारे जाने की खुफिया जानकारी थी। लेकिन इस बार (ऑपरेशन सिंदूर) वीडियो और तस्वीरें सामने आने की वजह से बालाकोट के उस भूत को खत्म करने में सफल रहे व दुनिया को बता सके कि क्या हासिल हुआ।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने मैनेजमेंट अकादमी में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “बालाकोट में, हम अंदर से कुछ भी हासिल नहीं कर पाए, और दुर्भाग्य से, अपने ही लोगों को यह बताना एक बड़ी समस्या बन गई कि हम क्या हासिल कर पाए हैं। हमारे पास अंदर क्या हुआ था, इस बारे में खुफिया जानकारी (मानवीय खुफिया जानकारी) थी, जिससे हमें अंदर हुए भारी नुकसान की स्पष्ट तस्वीर मिलती थी। कई आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन हम अपने ही लोगों को यह विश्वास नहीं दिला पाए कि देखो, हमने वह हासिल कर लिया है।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद वीडियो साक्ष्यों की कमी से इसी तरह की समस्याएं पैदा हो सकती थीं, लेकिन अब, हाल ही में संपन्न सैन्य अभियान के वीडियो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। एयर चीफ मार्शल ने कहा, “इस तरह की चीजों से हमें (ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में) भी यही समस्या होती। हालांकि, हम भाग्यशाली थे कि हमें ये वीडियो सार्वजनिक रूप से मिल गए। इसलिए, मुझे बहुत खुशी है कि इस बार हम बालाकोट के उस भूत को खत्म करने में कामयाब रहे और दुनिया को बता पाए कि हमने क्या हासिल किया है।”
भारत के युद्ध रोकने के फैसले की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का एकमात्र उद्देश्य आतंकवादियों को सबक सिखाना था और एक बार जब उद्देश्य पूरा हो गया, तो भारत ने संघर्ष को “रोकने” के अवसरों की तलाश शुरू कर दी। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, ”युद्ध में लोग अपने अहंकार पर उतर आए, और यही बात चल रहे संघर्षों को लगातार प्रेरित कर रही है। हमने एक बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया। हमारा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था: आतंकवादियों को सबक सिखाना। एक बार जब हम अपना उद्देश्य हासिल कर लेते, तो हमें इसे रोकने के लिए हर संभव अवसर तलाशना चाहिए था। मेरे कुछ करीबी लोगों ने कहा, ‘और मरना था’। लेकिन क्या हम युद्ध जारी रख सकते हैं? देश ने एक अच्छा फैसला लिया है।”