Jharkhand News : देवघर नगर थाना क्षेत्र के लोकनाथ ठाकुर लेन निवासी कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत पर बाबा बैद्यनाथ मंदिर थाना में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे व उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उक्त मामले में दोनों सांसदों के अलावा शेषाद्री दुबे, सांसद मनोज तिवारी के सचिव, अभयानंद झा एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सभी ने मंदिर की धार्मिक परंपराओं को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की. पुलिस मीडिया सेल के अनुसार, बाबा मंदिर थाना कांड संख्या 04/2025 के तहत यह मामला बीएनएस 2023 की कई धाराओं 52, 54, 565, 7, 59, 61, 125, 127, 132, 135, 189(1)(ए), 190, 195(1), 196(1)(बी), 221, 292, 298, 299 व 300 के तहत दर्ज हुआ है. पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है.
पांच दिन बाद दर्ज हुआ मामला
प्राथमिकी में यह कहा गया है कि दो अगस्त की रात 8:45 से 9:00 बजे के बीच जलार्पण बंद होने तथा कांचा जल चढ़ाने के बाद उक्त सभी लोग जबरन निकास द्वार से मंझलाखंड में प्रवेश कर गये. इस दौरान सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की भी की गयी. गर्भगृह में तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारी द्वारा मना करने के बावजूद सभी गर्भ गृह में प्रवेश कर गये. इससे धार्मिक परंपरा एवं आस्था को ठेस पहुंची है. साथ ही सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया है. पुलिस का कहना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
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सांसद डॉ निशिकांत थाना पहुंच कर देंगे गिरफ्तारी
इस मामले में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे का कहना है कि शनिवार की सुबह वे दिल्ली से देवघर आयेंगे. सीधे पुलिस थाने जायेंगे और गिरफ्तारी देंगे. उन्होंने कहा है कि झारखंड सरकार ने अब तक 51 केस मुझ पर दर्ज किये हैं. आज का नया केस पूजा मंदिर में क्यों किया, इस पर है. शनिवार को एक्स पर सांसद ने लिखा– कानून व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं हो, सीता होटल से पैदल चलकर थाने पहुंचूंगा.

सांसद ने मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी व एसपी के खिलाफ लाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा प्रकरण पर सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी व एसपी के खिलाफ ””विशेषाधिकार हनन”” का आरोप लगाया है. सांसद ने आरोप लगाया है कि बाबा बैद्यनाथधाम में दो अगस्त को मंदिर में दर्शन के दौरान उनके ऊपर और सांसद मनोज तिवारी सहित अन्य सहयोगियों पर प्रशासन द्वारा झूठी और मनगढ़ंत एफआइआर दर्ज की गयी है. उन्होंने यह भी कहा है कि बाबा बैद्यनाथधाम विकास प्राधिकरण अधिनियम 2016 के तहत वे ट्रस्टी हैं और उनके खिलाफ की गयी प्राथमिकी उस अधिनियम की धारा 27 का उल्लंघन है. सांसद ने कहा है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और उन्हें उनके संसदीय कर्तव्यों से रोकने के लिए की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य सरकार के कुछ उच्च अधिकारी निरंतर मुझे निशाना बना रहे हैं. छोटी-छोटी बातों पर मेरे विरुद्ध बार-बार प्राथमिकी दर्ज की जाती रही है, जिनमें से अधिकांश को न्यायालयों द्वारा खारिज किया जा चुका है.