इजराइल के प्रधानमंत्री गाजा पर अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं. बेंजामिन नेतन्याहू ने पूरे गाजा पर कब्जा करने का फैसला किया है. इस समय इजराइल सेना ने लगभग 75 फीसदी गाजा पर कब्जा कर रखा है. AFP न्यूज के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज गाजा शहर पर नियंत्रण करने की इजराइली योजना पर एक बैठक आयोजित कर रहा है. खबर में बताया गया है कि इस बैठक का आयोजन इजराइली योजना पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता के बीच, कई सदस्यों के अनुरोध के बाद हो रहा है और अनुरोध करने वाले देशों में वो भी शामिल हैं, जो इजराइली सहयोगी हैं.
संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने मीडिया को बताया कि “इस समय, कई देश हमारी और अपनी ओर से सुरक्षा परिषद की बैठक का अनुरोध कर रहे हैं.” इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव की उप प्रवक्ता स्टेफनी ट्रेम्बले ने ऐलान किया कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा पर नियंत्रण करने के इजराइली सरकार के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे और ज्यादा लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है. हालांकि ऐसी चिंताएं पहले भी जताई जा चुकी हैं, लेकिन ये सभी इजराइल कार्रवाई को रोकने में नाकाम साबित हुई हैं.
योजना से बढ़ी चिंता
स्टेफनी ट्रेम्बले ने बताया कि महासचिव इजराइली सरकार की ओर से गाजा शहर पर नियंत्रण करने के फैसले से बेहद चिंतित हैं. यह फैसला एक खतरनाक कदम है जो लाखों फिलिस्तीनियों के लिए पहले से जारी जोखिम को और बढ़ा देगा. इससे और भी ज्यादा फिलिस्तीनियों और बचे हुए बंधकों की जान जोखिम में पड़ सकती है.
बता दें, इजराइली सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गुरुवार रात और शुक्रवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से पेश की एक योजना को मंजूरी दे दी, जिसका मकसद घेरे हुए उत्तरी गाजा शहर पर कंट्रोल करना है. यह क्षेत्र 22 महीने के युद्ध के बाद एक गंभीर मानवीय संकट और व्यापक विनाश से जूझ रहा है. इस प्रस्ताव ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं की बाढ़ ला दी है. यूरोपीय देशों समेत चीन जैसे देशों ने ऐसी योजना की खुलकर निंदा की है.
वहीं इजराइल के रक्षा मंत्री ने कहा कि जो देश इजराइल की निंदा करते हैं और प्रतिबंधों की धमकी देते हैं, वे ‘हमारे संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे.’
नेतन्याहू की योजना पर हमास
हमास ने शुक्रवार को इस योजना को एक युद्ध अपराध करार दिया है और कहा है कि इससे लगभग दस लाख लोगों की जान को खतरा है और इसका मतलब घेराबंदी वाली पट्टी में बंधकों की ‘बलिदान’ है. हमास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इजराइली मंत्रिपरिषद की ओर से गाजा शहर पर कब्जा करने और उसके सभी निवासियों को निष्कासित करने की मंजूरी दी गई योजनाएं पूर्ण युद्ध अपराध हैं. यह नरसंहार, जबरन विस्थापन और बर्बर नीतियों का सिलसिला है जो जातीय सफाए के बराबर है.
हमास ने इजराइल को चेतावनी दी कि इस आपराधिक अभियान की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह कोई इत्मीनान से सैर-सपाटा नहीं होगा. अब पूरी दुनिया की नजर इस बैठक पर हैं, क्या इस बार इस बैठक के बाद इजराइल को रोकने के लिए कोई कदम उठाया जाएगा या हर बार की तरह बस निंदा कर के ही ये बैठक खत्म होगी.