Mamata Banerjee: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की खुली चुनौती के बाद निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल मुख्य सचिव को सोमवार तक चारों अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
पश्चिम बंगाल सरकार और निर्वाचन आयोग के बीच में टकराव बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अधिकारियों का निलंबन न करने की सार्वजनिक घोषणा के बाद शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को नया नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को चार अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश पर अमल करने और कार्रवाई की अनुपालन रिपोर्ट जमा करने के लिए 11 अगस्त दोपहर 3 बजे की डेडलाइन दी है।
चुनाव आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा द्वारा जारी किया गया यह नोटिस सीएम ममता की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद सामने आया है। अपनी घोषणा में ममता ने नौकरशाही के अधिकारियों के पहरेदार के रूप में उनके साथ खड़े होने का आश्वासन दिया था। उन्होंने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए कहा था कि वह निलंबन आदेश का पालन नहीं करेंगी।
दरअसल, निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के बरुईपुर पूर्व और मोयना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची तैयार करते समय अनियमितता बरतने के लिए चार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया था। इन चार अधिकारियों में दो निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) और दो सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (AERO) और एक अस्थाई डेटा एंट्री ऑपरेटर शामिल था।
नए आदेश में निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है और सभी शीर्ष अधिकारियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि पांच कर्मचारियो में से दो पश्चिम बंगाल सिविल सेवा रैंक के अधिकारी हैं।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने आयोग के अधिकार क्षेत्र और इस कदम की वैधता पर सवाल उठाया था और आरोप लगाया था कि भाजपा “राज्य सरकार के अधिकारियों को डराने” के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है। मंगलवार को झारग्राम में एक जनसभा में बनर्जी ने कहा, “हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे… हम आपकी रक्षा करेंगे। मैं आपकी ‘पहरेदार’ बनी रहूँगी।” उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उस पर भाजपा के “बंधुआ मजदूरों” की तरह काम करने का आरोप लगाया।