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अमेरिका अपनी सैन्य ताकत, अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षमता के दम पर दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में गिना जाता है. लेकिन केवल हथियारों और तकनीक से ही वह अपने दुश्मनों को मात नहीं देता, बल्कि खुफिया जानकारी जुटाने के लिए कई तरीके अपनाता है.
आतंकवाद से लड़ाई में उसकी सबसे अहम पहल में से एक है रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस (RFJ) प्रोग्राम, जो 1984 से चल रहा है. इसके तहत अमेरिका उन लोगों को भारी इनाम देता है जो आतंकियों की गिरफ्तारी या उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने में मददगार साबित होते हैं.
करोड़ों डॉलर के इनाम
RFJ प्रोग्राम की शुरुआत से अब तक अमेरिकी सरकार 125 से ज्यादा लोगों को करीब 2 हजार 200 करोड़ (250 मिलियन डॉलर) का इनाम दे चुकी है. ये इनाम उन लोगों को मिले जिन्होंने आतंकियों को पकड़वाने, उनके हमलों को रोकने, आतंकियों की फंडिंग रोकने या उत्तर कोरिया के अवैध नेटवर्क को तोड़ने में अहम जानकारी दी.
अबू सुलेमान पर कार्रवाई
अमेरिका ने अबू सय्याफ ग्रुप (ASG) के कुख्यात सरगना अबू सुलेमान के बारे में जानकारी देने वाले दो लोगों को 50 लाख डॉलर (5 मिलियन डॉलर) का इनाम दिया. 7 जून 2007 को फिलीपींस के जोलो द्वीप पर अमेरिकी राजदूत ने सार्वजनिक समारोह में इनाम सौंपा था. अबू सुलेमान फिलीपींस में सक्रिय ASG का शीर्ष कमांडर था. वो अमेरिकी और फिलीपीनी नागरिकों के अपहरण और हत्या के मामलों में शामिल था. 16 जनवरी 2007 को फिलीपींस की सेना ने मिली जानकारी पर कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया.
खदाफी जांजलानी का अंत
ASG का एक और बड़ा नाम खदाफी जांजलानी भी अमेरिकी निशाने पर था. उसके बारे में सूचना देने वाले कई लोगों को भी 50 लाख डॉलर का इनाम दिया गया. जांजालनी भी अमेरिकी और फिलीपीनी नागरिकों के अपहरण और हत्या में शामिल था, और गिलर्मो सोबेरो की हत्या में उसकी सीधी भूमिका थी. उसने भी अमेरिकी दूतावास पर हमले, सुपरफेरी 14 विस्फोट और वेलेंटाइन डे धमाकों की योजना बनाई थी. 4 सितंबर 2006 को फिलीपींस सेना ने उसे पकड़ने की कोशिश में हमला किया, जिसमें वह घायल होकर भाग गया. जनवरी 2007 में दो लोगों ने उसके शव के ठिकाने की जानकारी दी. डीएनए टेस्ट में पुष्टि हुई कि जांजलानी मारा जा चुका था.