होम बिज़नेस stock market crash trump tariffs on india among 5 factors behind sensex slide of 765 pts nifty dips एक बार फिर शेयर बाजार में भूचाल, ₹5 लाख करोड़ डूबे, जानें हाहाकार के बड़े फैक्टर, Business Hindi News

stock market crash trump tariffs on india among 5 factors behind sensex slide of 765 pts nifty dips एक बार फिर शेयर बाजार में भूचाल, ₹5 लाख करोड़ डूबे, जानें हाहाकार के बड़े फैक्टर, Business Hindi News

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विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स 765 अंक लुढ़क गया। निफ्टी में भी 233 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। इससे निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 8 Aug 2025 06:27 PM

Stock Market Crash: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के बाद से ही भारतीय शेयर बिकवाली मोड में है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भी सेंसेक्स-निफ्टी में बिकवाली थी और दोनों इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। यह लगातार छठा कारोबारी सप्ताह है जब बाजार नुकसान में रहा है। बीएसई सेंसेक्स में इस हफ्ते कुल 742.12 अंक यानी 0.92 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि एनएसई निफ्टी 202.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी का हाल

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 765.47 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 79,857.79 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 847.42 अंक टूटकर 79,775.84 अंक पर आ गया था। एनएसई का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी 232.85 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,363.30 अंक पर बंद हुआ। शुक्रवार को कारोबार में गिरावट के कारण निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

क्या है गिरावट की वजह

-जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा- भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क के प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ने से घरेलू बाजार में गिरावट रही और यह तीन माह के निचले स्तर पर बंद हुआ। नायर ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली जारी रखी है जिससे घरेलू सूचकांकों पर दबाव बढ़ रहा है। नाउम्मीद के माहौल में रियल्टी और मेटल सेग्मेंट को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा।

-लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, “घरेलू इक्विटी बाजार एफआईआई की बिकवाली और शुल्क चिंताओं के दबाव में गिर गए। विवाद न सुलझने तक कोई भी व्यापार वार्ता न होने की चेतावनी से बाजार धारणा प्रभावित हुई।” वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार दसवें सत्र के लिए बिक्री मोड में रहे। शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 4,997.19 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 10,864.04 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।

-बढ़ते वैश्विक दबाव के बीच कॉर्पोरेट नतीजे सहारा देने में नाकाम रहे हैं। पिछले एक महीने में निफ्टी आईटी इंडेक्स में 10% की गिरावट आई है और निफ्टी बैंक में भी कोई खास तेजी नहीं दिखी है।

– अमेरिकी डॉलर सूचकांक पिछले हफ्ते 2.5% बढ़कर 100 के पार पहुंच गया। लगभग तीन वर्षों में इसकी सबसे तेज साप्ताहिक बढ़त है। इससे विदेशी ऋण की लागत बढ़ गई है।

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