ट्रंप टैरिफ का असर उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और बिहार के फार्मा, टेक्सटाइल, हैंडीक्राफ्ट और कृषि उत्पादों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कहीं नए बाजार तलाशने की बात हो रही है, तो कहीं असर सीमित रहने की उम्मीद जताई जा रही है। पेश है हिन्दुस्तान की खास रिपोर्ट….
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले का असर उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और बिहार के फार्मा, टेक्सटाइल, हैंडीक्राफ्ट और कृषि उत्पादों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कहीं नए बाजार तलाशने की बात हो रही है, तो कहीं असर सीमित रहने की उम्मीद जताई जा रही है। पेश है हिन्दुस्तान की खास रिपोर्ट….
उत्तराखंड पर क्या पड़ेगा ट्रंप टैरिफ का असर
सिडकुल, हरिद्वार में ही 70 फार्मा उद्योग देश में खपने वाली कुल दवाओं की 18 फीसदी सप्लाई करते हैं। इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि राज्य की फार्मा कंपनियां अमेरिका में सालाना 1100 करोड़ से ज्यादा की दवाई बेचती हैं।
टैरिफ के बाद अमेरिका में भारत की दवाओं की मांग कम होने का खतरा खड़ा हो गया है। स्मॉल आंत्रप्रयनोर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हिमेश कपूर ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट सेक्टर में निर्यात करीब 500 करोड़ का है। छोटे-बड़े उद्योगपति प्रभावित होंगे।
झारखंड का पर होने वाला असर
रांची। झारखंड का अमेरिका से सालाना कारोबार एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक झारखंड से अमेरिका को करीब 870 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया।
इस निर्यात में फेरो-अलॉय, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल उपकरण, माइका और लाह जैसे उत्पाद प्रमुख हैं। झारखंड के तसर सिल्क और लाख उत्पाद भी निर्यात होते हैं। मोनोलिथिश इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन प्रभात टेकरीवाल कहते हैं, भारतीय उत्पाद महंगे जरूर होंगे, लेकिन जिकी जरूरत है, उन्हें तो खरीदना ही पड़ेगा।
ट्रंप टैरिफ का बिहार पर क्या पड़ेगा असर
पटना। अमेरिका को हर साल लगभग 600 टन मखाना का निर्यात किया जाता है। स्थानीय स्तर पर मखाना की कीमत लगभग 20 लाख रुपये प्रति टन है, जो अमेरिका पहुंचते-पहुंचते 40 लाख रुपये प्रति टन हो जाती है।
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बताया कि सामान महंगे होंगे, जिससे मांग पर असर पड़ सकता है। मखाना निर्यातक सत्यजीत सिंह का मानना है कि टैरिफ का बड़ा असर नहीं पड़ेगा। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी भी कहते हैं, निर्यात का हिस्सा सीमित है।
उत्तर प्रदेश पर ट्रंप टैरिफ का इंपैक्ट
लखनऊ। खासकर हस्तशिल्प, कपड़े, चमड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स उद्योग को इसका सीधा झटका लगने की आशंका है। वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश से अमेरिका को लगभग 35,545 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया गया। इसमें 25 फीसदी हिस्सा केवल टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स का था, जबकि 18 फीसदी का योगदान कालीन उद्योग से रहा।
अनुमान है कि आने वाले समय में यूपी के अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात में 12 फीसदी से 18 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। ऑर्डर रद्द होने की स्थिति भी बन सकती है।