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झारखंड में 2 दिन प्रचंड वर्षा की चेतावनी, जानें कहां-कहां कहर बरपायेगा मानसून

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Jharkhand Weather: झारखंड में प्रचंड वर्षा होने वाली है. मानसून कहर बरपाने वाला है. भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मौसम केंद्र रांची ने शुक्रवार को स्पेशल बुलेटिन जारी करके यह जानकारी दी है.

मौसम केंद्र ने जारी किया स्पेशल बुलेटिन-5

मौसम केंद्र रांची की ओर से जारी इस स्पेशल बुलेटिन-5 में कहा गया है कि झारखंड में 2 दिन 8 अगस्त और 12 अगस्त को प्रचंड बारिश होगी. 8 अगस्त को पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम जिले में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. इसके लिए विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

रांची, देवघर, धनबाद समेत इन जिलों में होगी भारी वर्षा

दूसरी तरफ देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, जामताड़ा, बोकारो, रामगढ़, रांची, खूंटी, गमला और सिमडेगा जिले में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना है. इन जिलों के लिए आईएमडी के मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है.

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12 अगस्त को झारखंड के 6 जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट

मौसम केंद्र ने इसी बुलेटिन में कहा है कि 12 अगस्त 2025 को झारखंड के लातेहार, लोहरदगा, खूंटी, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. इसलिए लोगों को सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है.

बंगाल की उत्तर-पूर्वी खाड़ी तक जाता है मानसून ट्रफ

मौसम केंद्र रांची के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया है कि औसत समुद्र तल पर मानसून गर्त (Monsoon Trough) अब फिरोजपुर, चंडीगढ़, देहरादून, खीरी, पटना, बांकुड़ा, दीघा से गुजरते हुए पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की उत्तर-पूर्वी खाड़ी तक जाता है.

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बंगाल की खाड़ी के आसपास बना चक्रवाती परिसंचरण

उन्होंने आगे बताया कि बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल के तटों और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के आसपास के क्षेत्रों में औसत समुद्र तल से ऊपर 3.1 और 5.8 किलोमीटर के बीच एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है.

13 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में बनेगा लो प्रेशर एरिया

इतना ही नहीं, उत्तर-पूर्वी, उत्तर प्रदेश से दक्षिण बांग्लादेश तक बिहार, झारखंड, गांगेय पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों से गुजरता हुआ एक गर्त यानी ट्रफ कायम है और समुद्र तल से ऊपर 3.1 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है. उन्होंने बताया कि 13 अगस्त तक उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.

झारखंड के कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होगी

मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि इस मौसमी प्रणाली का असर झारखंड में देखने को मिलेगा. इसी प्रणाली की वजह से झारखंड के कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इसलिए जनता से अपील की जाती है कि वे सतर्क रहें. आवश्यक सावधानी बरतें. इस दौरान आंधी और वज्रपात की भी संभावना है. 40 किलोमीटर तक की रफ्तार से आंधी आ सकती है.

मौसम विभाग के अलर्ट के 4 रंग और उनका संदेश

  • ग्रीन अलर्ट : किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं
  • येलो अलर्ट : नजर रखें और निगरानी करते रहें
  • ऑरेंज अलर्ट : तैयार रहें
  • रेड अलर्ट : कार्रवाई/सहायता की जरूरत) है

भारी बारिश के दौरान क्या करें और क्या नहीं करें?

  • भारी बारिश के दौरान सुरक्षित रहें.
  • सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और घर के अंदर रहें.
  • भारी बारिश और तेज हवाओं के दौरान खिड़‌कियों और दरवाजों से दूर रहें.
  • तूफान के दौरान संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिजली के तेज प्रवाह से बचाने के लिए उनका प्लग निकाल दें.
  • नदी, नालों, सड़क के अंडरपास, जल निकासी खाइयों, निचले इलाकों और उन क्षेत्रों से बचें, जहां पानी जमा होता है. वहां अप्रत्याशित रूप से बाढ़ आ सकती है या पानी ओवरफ्लो हो सकता है.
  • खराब दृश्यता के कारण भारी बारिश में गाड़ी चलाने से बचें. यदि संभव हो तो अपनी गाड़ी पार्क करें और तब तक प्रतीक्षा करें जब तक बारिश धीमी न हो जाए या रुक ना जाए. उसके बाद ही यात्रा करें.
  • बाढ़ वाली सड़क पर गाड़ी चलाने की कोशिश न करें. पानी दिखने से ज्यादा गहरा और तेज हो सकता है और उसमें मलबा, नुकीली या खतरनाक चीजें, गड्ढे या बिजली के तार हो सकते हैं.
  • तेज बहाव या बाढ़ के पानी में फंसने पर वाहन अस्थिर हो सकते हैं या बह भी सकते हैं. गाड़ी को बहाने के लिए बस कुछ इंच पानी ही काफी होता है.
  • बिजली की लाइनों या विद्युत तारों से दूर रहें. यदि आपको कोई बिजली का तार टूटा हुआ दिखाई दे तो वहां से दूर रहें और इसकी सूचना तुरंत अधिकारियों को दें.
  • बाढ़ का पानी दूषित हो सकता है और उसमें मलबा या तेज बहाव जैसे खतरे छिपे हो सकते हैं.
  • बाढ़ के पानी में तैराकी न करें. संभावित खतरों के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में मनोरंजक गतिविधियों से बचें.
  • अचानक बाढ़ की चेतावनी एवं अलर्ट तथा मौसम चेतावनियों की जानकारी रखें.

ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्रों में क्या होता है वर्षा का असर?

ऑरेंज अलर्ट यानी नारंगी रंग की चेतावनी वाले क्षेत्रों में कई जगहों पर भारी वर्षा या तीव्र वर्षा की वजह से भूस्खलन की आशंका रहती है. पहाड़ियों में कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक आपूर्ति और परिवहन कुछ जगहों पर प्रभावित हो सकता है. कृषि और बागवानी फसल एवं पौध/वृक्षारोपण को मामूली नुकसान हो सकता है. जीवन और संपत्ति के नुकसान की भी आशंका बनी रहती है.

पीले रंग की चेतावनी वाले क्षेत्रों में क्या हो सकता है?

भारी बारिश की वजह से कृषि और बागवानी फसल और पौध/वृक्षारोपण को मामूली नुकसान हो सकता है. निचले इलाके में जलजमाव की संभावना रहती है. इलिए मौसम केंद्र की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.

ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्र के लोगों को बरतनी चाहिए ये सावधानियां

  • मछली पकड़ने, कैंपिंग करने या किसी अन्य गतिविधि के लिए नदी में जाने से बचें.
  • अगर छप्पर का घर बना रहे हैं, तो मजबूत बनायें, जो तेज हवाओं और भारी वर्षा की वजह से होने वाले भू-स्खलन को झेलने में सक्षम हो.
  • बिना समय बर्बाद किये भू-स्खलन पथ या निचली घाटियों से तुरंत दूर चले जायें.
  • निर्माण और संवेदनशील क्षेत्रों में रहने से बचने का प्रयास करें.
  • खड़ी ढलानों और जल निकासी पथ के पास घर न बनायें.
  • मौसम से संबंधित जानकारी के लिए रेडियो या टेलीविजन पर समाचार सुनते रहें. यूट्यूब और सोशल मीडिया पर मौसम विभाग के अकाउंट को फॉलो करें. हर गतिविधि की जानकारी आपको वहां मिलती रहेगी.

पीले रंग की चेतावनी वाले क्षेत्र के लोग क्या सावधानी बरतें?

  • अपने आसपास की नालियों को साफ रखें. कूड़े, पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि को नालियों में न डालें. समय-समय पर देखते रहें कि अगर ये चीजें उसमें हैं, तो उसे साफ करवा दें.
  • बहते पानी में न चलें. 6 इंच बहता पानी आपको गिरा सकता है. अगर आपकी कोई मजबूरी है कि पानी में चलना ही है, तो वहां चलें, जहां पानी न बढ़ रहा हो.
  • अपने सामने जमीन की मजबूती की जांच करने के लिए एक छड़ी का इस्तेमाल आप कर सकते हैं.
  • रेडियो, टीवी और मौसम विभाग के सोशल मीडिया अकाउंट से मौसम संबंधी अधिकृत जानकारी लेते रहें.

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