JPSC Assistant Professor Recruitment: झारखंड उच्च न्यायालय में विश्वविद्यालयों में नियमित असिस्टेंट प्रोफेसरों और शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति को लेकर अनिकेत ओहदार और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ में हुई.
जेपीएससी ने शपथ पत्र के जरिए दी जानकारी
सुनवाई के दौरान झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से अधिवक्ता अभय प्रकाश ने अदालत को बताया कि रांची विश्वविद्यालय से 468 पदों की अधियाचना प्राप्त हुई है. इसमें 431 पद सामान्य नियमित नियुक्ति के हैं जबकि 37 पद बैकलॉग के हैं.
दो माह में शुरू होगी बहाली प्रक्रिया
जेपीएससी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इन सभी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अगले दो माह के भीतर शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए विज्ञापन भी जल्द जारी किया जाएगा. इसके अतिरिक्त वर्ष 2018 में विज्ञापित 400 पदों (विज्ञापन संख्या 04/2018 और 05/2018) की नियुक्ति प्रक्रिया भी अब पूरी की जाएगी.
जेएसएससी को भी भेजा गया नोटिस
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने जेएसएससी को विश्वविद्यालयों में तृतीय श्रेणी के शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति को लेकर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
संविदा नियुक्ति पर उठे सवाल
याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि रांची विश्वविद्यालय में वर्षों से संविदा आधारित नियुक्तियां हो रही हैं, जो नियमों का उल्लंघन है. नियमित नियुक्ति की बजाय ठेका आधारित व्यवस्था से शैक्षणिक गुणवत्ता और स्थायित्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
अगली सुनवाई 22 अगस्त को
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त 2025 को निर्धारित की है। उससे पूर्व जेएसएससी को अपना जवाब दाखिल करना होगा.
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