सौतेली मां भी मां ही होती है, यह बात कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ‘मां’ शब्द की उदार व्याख्या की वकालत की। ताकि पारिवारिक पेंशन समेत सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत लाभ प्रदान करने में सौतेली माताओं को भी शामिल किया जा सके।
सौतेली मां भी मां ही होती है, यह बात कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ‘मां’ शब्द की उदार व्याख्या की वकालत की। ताकि पारिवारिक पेंशन समेत सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत लाभ प्रदान करने में सौतेली माताओं को भी शामिल किया जा सके। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने केंद्र और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) से कहा कि नियमों में मां की परिभाषा को उदार बनाया जाना चाहिए ताकि सौतेली मां को भी इसमें शामिल किया जा सके। बेंच ने कहा कि हमें ‘मां’ शब्द को उदार बनाने की जरूरत है। इसमें सौतेली मां शब्द भी शामिल होना चाहिए, खासकर जब पारिवारिक पेंशन समेत सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत लाभ देने की बात हो। सौतेली मां वास्तव में मां ही होती है।
यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस केस में महिला ने अपने सौतेले बेटे की जैविक मां की मृत्यु के बाद उसका पालन-पोषण किया था। अब वह पारिवारिक पेंशन की मांग कर रही थी। जस्टिस कांत ने केंद्र के वकील से पूछा कि यदि एक महीने के बच्चे की मां का निधन हो जाता है और पिता दूसरी शादी कर लेता है तो क्या सौतेली मां को वास्तविक मां नहीं माना जाएगा? उन्होंने आगे कहा कि कानून में आप उसे सौतेली मां कह सकते हैं, लेकिन वास्तव में वह वास्तविक मां है, क्योंकि पहले दिन से ही उसने अपना जीवन बच्चे के लिए समर्पित कर दिया।’
वकील ने दी यह दलील
हालांकि, वकील ने भारतीय वायुसेना के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मां की परिभाषा में सौतेली मां शामिल नहीं है। जस्टिस कांत ने केंद्र के वकील से कहा कि वे सौतेली मां के पेंशन या किसी अन्य लाभकारी दावे को भी इसमें शामिल करने के लिए लचीला रुख अपनाने पर विचार करें। अदालत ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए, इस परिभाषा को उदार बनाया जाना चाहिए।
महिला ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के 10 दिसंबर, 2021 के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें वायुसेना में तैनात उसके बेटे की मृत्यु के बाद उसे पारिवारिक पेंशन देने से इनकार कर दिया गया था। पिछले साल 19 जुलाई को शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी और केंद्र तथा वायुसेना को नोटिस जारी किया था।