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Goldman Sachs on Indian economy how impacted after trump tariffs ट्रंप टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर? गोल्डमैन सैक्स की चेतावनी, Business Hindi News

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयातों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने से भारत की अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ सकता है, जिससे अगस्त के अंत तक कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो जाएगा।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानThu, 7 Aug 2025 05:19 PM

Trump Tariffs Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयातों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने से भारत की अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ सकता है, जिससे अगस्त के अंत तक कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो जाएगा। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, रूस के साथ भारत के कच्चे तेल के लेनदेन से जुड़े इस फैसले से वास्तविक जीडीपी बढ़ोतरी में 0.3 प्रतिशत की वार्षिक कमी आ सकती है।

क्या है डिटेल

यह अप्रैल 2025 में पिछले टैरिफ दौर के मौजूदा 0.3 प्रतिशत अंक के प्रभाव के अतिरिक्त है। नए शुल्क से अमेरिका को भारतीय निर्यात पर प्रभावी औसत टैरिफ दर लगभग 32% हो जाने की उम्मीद है। जब अमेरिकी व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत एक्लोजन लागू हो जाएंगे। भारत ने वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया, जबकि 45.7 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और वस्त्र प्रमुख निर्यात थे। भारत में कच्चे तेल के आयात में अमेरिका का हिस्सा 4% था, जो अप्रैल और मई 2025 में बढ़कर 8% हो गया, फिर भी रूस के योगदान की तुलना में यह कम ही रहा। विदेश मंत्रालय (MEA) ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण’ करार दिया है। इसने कहा, ‘यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने कई अन्य देशों द्वारा अपने राष्ट्रीय हित में लिए गए निर्णयों के लिए भारत को दंडित करने का विकल्प चुना है।’

गोल्डमैन सैक्स ने क्या कहा

गोल्डमैन सैक्स के एनालिस्ट ने बताया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 4% अमेरिका से आने वाली अंतिम मांग से जुड़ा है, जो एक महत्वपूर्ण आर्थिक जोखिम को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत की ऊर्जा आपूर्ति बाजार मूल्य निर्धारण और आपूर्ति सुरक्षा पर निर्भर करती है, जिससे संकेत मिलता है कि ये शुल्क द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और जटिल बना सकते हैं। इन शुल्कों के लागू होने से अनुमानित आर्थिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में चुनौतियां आ सकती हैं, जिसके लिए व्यापार और आर्थिक स्थिरता पर संभावित प्रभावों को कम करने के लिए भू-राजनीतिक परिदृश्य पर सावधानीपूर्वक विचार करना आवश्यक होगा।

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