अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क के साथ 25 फीसदी जुर्माना लगाने की घोषणा की। इस खबर के कुछ घंटों बाद ही महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए भारत को दो जरूरी सुझाव दिए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर एक बड़ा आर्थिक हमला बोला है। उन्होंने रूस से तेल आयात करने के लिए भारत पर अतिरिक्त 25% का आयात शुल्क लगाने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही भारत से आने वाले सामानों पर कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है। अमेरिका का कहना है कि भारत का रूसी तेल खरीदना उसकी सुरक्षा के लिए खतरा है। इस खबर के कुछ घंटों बाद ही महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी।
महिंद्रा ने कहा कि अमेरिका द्वारा शुरू किया गया “टैरिफ वॉर” अनपेक्षित परिणाम ला सकता है। उन्होंने यूरोप और कनाडा के उदाहरण देकर समझाया कि कैसे ऐसी चुनौतियां देशों को मजबूत बदलाव के लिए मजबूर करती हैं।
यूरोप और कनाडा से सीख
महिंद्रा ने बताया कि यूरोप ने टैरिफ के खतरे को भी एक अवसर में बदल लिया है। फ्रांस और जर्मनी जैसे देश अब अपनी सुरक्षा पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। इससे जर्मनी जैसे देशों ने अपने कड़े बजट नियमों में ढील दी है, जिससे यूरोप की अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिल सकती है। कनाडा भी अपने प्रांतों के बीच के व्यापारिक रोड़ों को हटा रहा है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
भारत के लिए महिंद्रा के 2 जरूरी सुझाव
1. “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में क्रांतिकारी सुधार:
महिंद्रा का कहना है कि भारत को छोटे-मोटे बदलावों से आगे बढ़कर “सिंगल विंडो क्लीयरेंस” का असली और प्रभावी सिस्टम बनाना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि शुरुआत कुछ इच्छुक राज्यों को राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म से जोड़कर की जा सकती है। अगर भारत “तेजी, सरलता और निश्चितता” दिखाता है, तो दुनिया का पैसा यहां आने के लिए मचल उठेगा।
2. एमएसएमई और उद्योगों को ताकत देना
आनंद महिंद्रा ने छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) को तत्काल तरलता सहायता देने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने बुनियादी ढाँचे के विकास को गति देने, निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (PLI) के दायरे को बढ़ाने की सलाह दी। उनका कहना था कि निर्माण के लिए जरूरी चीजों पर आयात शुल्क कम करके हम अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ा सकते हैं।
महिंद्रा ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “हम दूसरों को अपने देश को पहले रखने के लिए दोष नहीं दे सकते, लेकिन इससे हमें अपने देश को पहले से कहीं ज्यादा महान बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए।”