अब दुनिया में दो ही मुल्क हैं, जो इतने भारी टैरिफ का सामना कर रहे हैं। इनमें पहला भारत और दूसरा ब्राजील है। इसके अलावा चीन पर 30 फीसदी शुल्क लगाया गया है। डोनाल्ड ट्रंप खासतौर से भारत को निशाना बनाते नजर आ रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी और टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। यानी अब भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत पर पहुंच गया है। खास बात है कि रूसी तेल की खरीद को लेकर ट्रंप लगातार भारत को धमकी देते रहे हैं। हालांकि, सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई और देश भी रूसी तेल के खरीदार हैं, लेकिन उन्हें ट्रंप ने टैरिफ दरों को लेकर निशाना नहीं बनाया है। बहरहाल भारत ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय हित में जो भी जरूरी होगा, वो कदम उठाए जाएंगे।
इसके साथ ही अब दुनिया में दो ही मुल्क हैं, जो इतने भारी टैरिफ का सामना कर रहे हैं। इनमें पहला भारत और दूसरा ब्राजील है। इसके अलावा चीन पर 30 फीसदी शुल्क लगाया गया है। ट्रंप खासतौर से भारत को निशाना बनाते नजर आ रहे हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत ने रूस की वॉर मशीन की मदद करने का काम किया है, जिसके चलते वह टैरिफ में भारी इजाफा कर सकते हैं।
EU और रूस का जारी है व्यापार पर नहीं लगी टैरिफ की मार
यूरोपीय संघ खुलकर रूस से आर्थिक संबंध खत्म करने की बात करता है, लेकिन ईयू ऊर्जा क्षेत्र में कई अहम चीजें आयात करता है। साल 2021 में ईयू और रूस के बीच 257.5 बिलियन यूरो का व्यापार हुआ, जो 2024 में घटकर 67.5 बिलियन यूरो पर आ गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिनलैंड के थिंक टैंक CREA यानी सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर का अनुमान है कि यूक्रेन पर हमले से लेकर अब तक यूरोपीय संघ ने सिर्फ गैस के लिए रूस को 105.6 बिलियन का भुगतान किया है। इसके अलावा ईयू ने 2023 की तुलना में 2024 में रूसी एलएनजी 9 फीसदी ज्यादा खरीदा है।
ईयू ने रूस से मिनरल फ्यूल्स, खाद्य सामग्री और कच्चा माल भी आयात किया है। ईयू का सदस्य हंगरी जैसे देश पाइपलाइन के जरिए रूसी कच्चा तेल खरीद रहे हैं।
खुद अमेरिका करता है रूस से खरीदारी
सिर्फ ईयू ही नहीं, बल्कि अमेरिका भी रूस के साथ कुछ कारोबार करता है। साल 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 5.2 बिलियन का था, जिनमें रूसी रसायन समेत कई अन्य चीजें शामिल हैं।
चीन पर भी भारत जितना टैरिफ नहीं लगाया
चीन भी रूसी ऊर्जा का बड़ा खरीदार है। 2024 में चीन की तरफ से रूसी तेल की खरीद बढ़ी है। चीन के खुल तेल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी 21.5 प्रतिशत है। तेल के अलावा चीन ने रूस से एलएनजी भी आयात किया है। कहा जा रहा है कि एक बड़ी गैस पाइपलाइन को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं, जिसके जरिए रूसी गैस को चीन तक लाए जाने की योजना है, लेकिन इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।