होम देश Donald Trump double standard exposed by Finland based think tank Russian Crude oil imports double but tariff one third हम पर सितम, उन पर रहम? भारत से दोगुना रूसी तेल खरीदते हैं ये देश; पर ट्रंप टैरिफ 1/3 से भी कम, India News in Hindi

Donald Trump double standard exposed by Finland based think tank Russian Crude oil imports double but tariff one third हम पर सितम, उन पर रहम? भारत से दोगुना रूसी तेल खरीदते हैं ये देश; पर ट्रंप टैरिफ 1/3 से भी कम, India News in Hindi

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रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने अब तक जीवाश्म ईंधन निर्यात से कुल 92,300 करोड़ रुपये कमाए हैं। इनमें 21,200 करोड़ यूरोपीय यूनियन के देशों से आए हैं, जबकि भारत से मात्र 121 अरब यूरो (12,100 करोड़) आए, जो करीब आधा ही है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस से तेल खरीद जारी रखने पर भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगा दिया। इस तरह भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में लगने वाला शुल्क अब बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। यह नया कदम अमेरिकी राष्ट्रपति के दोहरे मापदंड को उजागर करता है। ट्रंप जिस बात की दुहाई देकर भारत पर टैरिफ का सितम ढा रहे हैं, उसी मापदंड पर वह पश्चिमी देशों के लिए आंखें मूंदे खड़े हैं। फिनलैंड स्थित स्वतंत्र थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च ऑन ईनज्ञजी एंड क्लीन एयर (CREA) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में डोनाल्ड ट्रंप की दोहरी मानसिकता को उजागर किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन-रूस जंग शुरू होने के बाद से जीवाश्म ईंधन के निर्यात से रूस को हुए राजस्व में भारत की हिस्सेदारी करीब 13 फीसदी ही है, जबकि यूरोपीय यूनियन की राजस्व हिस्सेदारी 23 फीसदी है, जो भारत से करीब दोगुनी है। इसके अलावा जी-7 देशों के टैंकर आधे से अधिक बैरल का आयात कर रहे हैं। बावजूद इसके ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी और यूरोपीय यूनियन पर उसका एक तिहाई से भी कम यानी सिर्फ 15 फीसदी का टैरिफ लगाया है।

भारत से रूस ने कमाए 12,100 करोड़ रुपये

रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने अब तक तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला, परिष्कृत ईंधन जैसे जीवाश्म ईंधन निर्यात से 923 अरब यूरो (92,300 करोड़ रुपये) कमाए हैं। इनमें 212 अरब यूरो (21,200 करोड़) यूरोपीय यूनियन के देशों से आए हैं, जबकि भारत से मात्र 121 अरब यूरो (12,100 करोड़) आए, जो करीब आधा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन 200 अरब यूरो (20,000 करोड़) से अधिक की रूसी ऊर्जा खरीद के साथ रूसी ईंधन खरीदने वाले देशों में नंबर वन पर है। बावजूद ट्रंप ने चीन पर अभी 30 फीसदी टैरिफ ही है।

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इस रिपोर्ट में यूरोपीय यूनियन द्वारा जून में लगाए गए प्रतिबंधों के बाद से रूसी तेल परिवहन में G7 टैंकरों की बढ़ती भूमिका की ओर भी इशारा किया गया है। यह पश्चिमी देशों की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करता है जिसकी तरफ भारत ने भी इशारा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, “जनवरी से, रूसी तेल आयात में G7+ की हिस्सेदारी 36% से बढ़कर 56% हो गई है।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जून में रूस के आधे से ज़्यादा समुद्री तेल निर्यात G7+ टैंकरों के जरिए किए गए, जो मई की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है।

भारत की क्या प्रतिक्रिया?

इन परिस्थितियों में भारत पर टैरिफ दोगुना किए जाने पर नई दिल्ली ने सधी प्रतिक्रिया देते हुए उसे अनुचित और अविवेकपूर्ण करार दिया है। भारत ने अमेरिका पर चुनिंदा देशों पर टैरिफ लगाने और निशाना साधने का आरोप लगाया है। नई दिल्ली के बयान में कहा गया है, “हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारे आयात बाजार कारकों पर आधारित हैं और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किए जाते हैं। इसलिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कार्यों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना है, जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में कर रहे हैं।”

यूरोपीय यूनियन में कौन-कौन से देश?

बता दें कि यूरोपीय यूनियन 27 सदस्य देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है। इसके सदस्य देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं। ये देश एक साझा आर्थिक और राजनीतिक ढांचे के तहत काम करते हैं, जिसमें वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और लोगों की मुक्त आवाजाही शामिल है।

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