होम देश 4 Rajya Sabha seats are vacant in Jammu and Kashmir Election Commission in a dilemma President may intervene जम्मू-कश्मीर में खाली हैं राज्यसभा की 4 सीटें, असमंजस में चुनाव आयोग; राष्ट्रपति दे सकती हैं दखल, India News in Hindi

4 Rajya Sabha seats are vacant in Jammu and Kashmir Election Commission in a dilemma President may intervene जम्मू-कश्मीर में खाली हैं राज्यसभा की 4 सीटें, असमंजस में चुनाव आयोग; राष्ट्रपति दे सकती हैं दखल, India News in Hindi

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पंजाब और दिल्ली की सीटों का मामला भी यही है, जहां सभी राज्यसभा सदस्य हर दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने के बजाय एक साथ रिटायर हो रहे हैं। चुनाव आयोग भी इस मुद्दे पर दुविधा में है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Thu, 7 Aug 2025 08:36 AM

जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटें फरवरी 2021 से खाली हैं। इसने एक संवैधानिक सवाल को जन्म दिया है जिसके लिए राष्ट्रपति का परामर्श मांगा जा सकता है। इसका कारण यह है कि वहां हाल के वर्षों में लगातार आपातकाल लगने के कारण उच्च सदन में प्रतिनिधित्व प्रभावित हुआ है। सभी चार राज्यसभा सांसद अपने छह वर्ष के कार्यकाल पूरा करने के बाद एक साथ रिटायर हो गए। अनुच्छेद 83 में निर्धारित रोटेशन के अनुसार हर दो वर्ष में ऐसा होना था।

पंजाब और दिल्ली की सीटों का मामला भी यही है, जहां सभी राज्यसभा सदस्य हर दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने के बजाय एक साथ रिटायर हो रहे हैं। चुनाव आयोग भी इस मुद्दे पर दुविधा में है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही राष्ट्रपति से इस मामले पर परामर्श मांगा जा सकता है। आपको बता दें कि अनुच्छेद 143 के तहत चुनाव आयोग के पास राष्ट्रपति से परामर्श मांगने की शक्ति है।

क्यों पनपे ऐसे हालात?
जम्मू-कश्मीर में यह हालात 1990 में लगाए गए आपातकाल के कारण उत्पन्न हुआ। जो कि छह वर्षों तक चला। वहां के सभी राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल एक साथ पूरा हुआ। जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी चार राज्यसभा सदस्यों ने फरवरी 2021 में अपना कार्यकाल पूरा किया। उनमें लाम नबी आजाद और नजीर अहमद लावे ने 15 फरवरी को अपना कार्यकाल पूरा किया, जबकि मीर मुहम्मद फैयाज और शमशेर सिंह मानहास का कार्यकाल 10 फरवरी को समाप्त हुआ। इसके कारणसे रोटेशन का सिद्धांत प्रभावित हुआ। यदि चुनाव आयोग चार रिक्त सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव की घोषणा करता है तो उनका कार्यकाल फिर से एक साथ खत्म होगा, जो कि अनुच्छेद 83 के तहत ठीक नहीं है।

दिल्ली-पंजाब का भी यही है हाल
इसी तरह, 1987 तक लगातार आपातकाल लगने के कारण पंजाब की सभी सात राज्यसभा सीटें 2016 में एक साथ खाली हुईं, जिससे राज्यसभा सदस्यों के हर दो वर्ष में रिटायर होने का सूत्र बाधित हुआ। अप्रैल-जुलाई 2022 में निर्वाचित इसके सभी छह वर्तमान राज्यसभा सांसद अप्रैल-जुलाई 2028 में रिटायर होंगे। दिल्ली को भी इसी हालात का सामना करना पड़ रहा है, जहां सभी तीन राज्यसभा सीटें एक साथ भरी गई हैं। दिल्ली के सभी तीन राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल, संजय सिंह और नारायण दास गुप्ता का 28 जनवरी 2024 को चुनाव हुआ था, 27 जनवरी 2030 को रिटायर होंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला संविधान की मूल भावना को चुनौती देता है और राज्यसभा के स्थायी सदन के रूप में अस्तित्व पर सवाल खड़ा करता है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे पर राष्ट्रपति का परामर्श जारी किया जाएगा ताकि सुप्रीम कोर्ट की राय से इस संवैधानिक दुविधा का समाधान हो सके।

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