TCS Layoff and Pay Hikes: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने एक साथ दो बड़े फैसले किए हैं। पहला, 80% कर्मचारियों को इंक्रीमेंट (सितंबर 1 से प्रभावी), जिसमें जूनियर और मिड-लेवल स्टाफ (ग्रेड C3A तक) शामिल हैं। दूसरा, 12,000 कर्मचारियों की छंटनी, जो कंपनी के वैश्विक कार्यबल का 2% है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने एक साथ दो बड़े फैसले किए हैं। पहला, 80% कर्मचारियों को इंक्रीमेंट (सितंबर 1 से प्रभावी), जिसमें जूनियर और मिड-लेवल स्टाफ (ग्रेड C3A तक) शामिल हैं। दूसरा, 12,000 कर्मचारियों की छंटनी, जो कंपनी के वैश्विक कार्यबल का 2% है। यह कटौती मुख्यतः मिड और सीनियर लेवल के भूमिकाओं को प्रभावित करेगी।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ और सीएचआरओ नामित के. सुदीप ने बुधवार को एक आंतरिक ईमेल में वेतन वृद्धि की घोषणा की। ईमेल में लिखा था, “हमें C3A और समकक्ष ग्रेड तक के सभी पात्र सहयोगियों के लिए वेतन संशोधन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है,” और कर्मचारियों को उनके “समर्पण और कड़ी मेहनत” के लिए धन्यवाद दिया गया।
छंटनी की वजहें: AI और भविष्य की तैयारी
टीसीएस ने इन कटौतियों को “भविष्य के लिए तैयार संगठन” बनने की रणनीति का हिस्सा बताया है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं…
AI का प्रभाव: ग्राहकों की जरूरतें बदल रही हैं। रूटीन सॉफ्टवेयर सर्विसेज की मांग घटी है, जिससे पारंपरिक भूमिकाएं अप्रासंगिक हो रही हैं।
आर्थिक अनिश्चितता: ग्लोबल मैक्रोइकॉनॉमिक दबाव और ग्राहकों के बजट कटौती ने आईटी सेक्टर को प्रभावित किया है।
बेंच पॉलिसी का दबाव: जून 2025 में लागू नई नीति के मुताबिक, कर्मचारियों को सालाना कम से कम 225 बिलएबल दिन काम करना होगा। जो लोग 35 दिन से ज्यादा “बेंच” पर रहेंगे, उनकी सैलरी, प्रमोशन या नौकरी तक खतरे में पड़ सकती है।
कर्मचारियों पर प्रभाव: समर्थन vs विवाद
समर्थन उपाय: प्रभावित कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ, नोटिस पीरियड कम्पनसेशन, आउटप्लेसमेंट सहायता और विस्तारित बीमा मिलेगा। कंपनी का दावा है कि छंटनी धीरे-धीरे की जाएगी ताकि क्लाइंट सर्विसेज प्रभावित न हों
विवाद और आलोचना
फोर्स्ड रिजाइन: कर्मचारी रेडिट, ग्लासडोर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर शिकायत कर रहे हैं कि मैनेजर्स उन्हें “प्रोफाइल साफ रखने” के लिए रिजाइन करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इससे उन्हें रिटायरमेंट कालाभ नहीं मिल पाता।
यूनियन का विरोध: कर्नाटक स्टेट आईटी/आईटीईएस एम्प्लॉयीज यूनियन (KITU) ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत शिकायत दर्ज की है। अगस्त 6 को श्रम विभाग के साथ बैठक तय हुई है।
आईटी सेक्टर का बड़ा बदलाव
टीसीएस की यह रणनीति भारतीय आईटी उद्योग के संरचनात्मक बदलाव का संकेत है। TCS, इंफोसिस, HCL टेक जैसी कंपनियों ने Q1 FY26 में सिंगल-डिजिट रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है। AI पर फोकस की वजह से कंपनियां रूटीन टास्क्स के लिए ऑटोमेशन को प्राथमिकता दे रही हैं, जिससे पारंपरिक भूमिकाओं में कमी आई है।
ग्लोबल ट्रेंड: 2025 में अब तक दुनियाभर में 22,000 से अधिक टेक जॉब कटौतियां हो चुकी हैं। माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल जैसी कंपनियां भी AI शिफ्ट में ऐसे कदम उठा रही हैं।