ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी। हालांकि, बाद में दोनों देशों ने संघर्ष विराम का ऐलान किया था। अब ट्रंप दावा करते रहे हैं कि सीजफायर उन्होंने कराया है। जबकि, भारत ने साफ किया है कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं है।
भारत पर पहले ही 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके अमेरिका ने इसे और बढ़ाने का ऐलान किया है। बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत और अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जो 1 सितंबर से प्रभावी होगा। हालांकि, इसकी वजह ट्रंप रूस से तेल खरीदना बता रहे हैं। वहीं, जानकारों का मानना है कि इसकी एक वजह भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय हो सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कूगलमैन ने कहा, ‘…दुर्भाग्य से बीते कुछ दिनों से जारी घटनाक्रमों को देखते हुए ये नई घोषणा बिल्कुल भी हैरान करने वाली नहीं है। राष्ट्रपति भी टैरिफ लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं। भारत और अमेरिका के रिश्तों को संभावित हानिकारक प्रभाव के बावजूद मेरे लिए यह हैरानी की बात नहीं है कि राष्ट्रपति ने अपनी धमकी पर अमल करने का फैसला किया।’
जब सवाल किया गया कि रूसी तेल खरीदने पर क्यों ट्रंप भारत को निशाना बना रहे हैं और चीन को नहीं। इसपर कूगलमैन ने कहा, ‘…चीन ने खुलकर सामने आकर राष्ट्रपति ट्रंप को सीजफायर में उनकी भूमिका का श्रेय लेने से इनकार नहीं किया। चीन की तरफ से किसी नेता ने ट्रंप के साथ फोन पर लंबी बात नहीं की और नहीं बताया कि क्या सही है और क्या गलत।’
उन्होंने कहा, ‘भारत के मामले में ऐसा हुआ है। तो मुझे लगता है कि शायद यही वजह है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपनी नाराजगी व्यापार और और शुल्क के जरिए भारत और भारत सरकार पर निकालेंगे। यह वाकई डबल स्टैंडर्ड, पाखंड है या जो भी आप कहना चाहें…।’
सीजफायर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी। हालांकि, बाद में दोनों देशों ने संघर्ष विराम का ऐलान किया था। अब ट्रंप दावा करते रहे हैं कि सीजफायर उन्होंने कराया है। जबकि, भारत ने साफ किया है कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं है।
भारत ने दिया जवाब
ट्रंप की तरफ से आदेश जारी होने के कुछ ही देर बाद, भारत ने कहा कि वाशिंगटन ने रूस से उसके तेल आयात को ‘निशाना’ बनाया है और वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ‘सभी आवश्यक कार्रवाई’ करेगा। विदेश मंत्रालय ने रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का बचाव करते हुए कहा कि आयात बाजार कारकों पर आधारित है और देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ऐसी खरीद कर रहे हैं तथा इस मुद्दे पर उसे निशाना बनाए जाने पर निराशा व्यक्त की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने का हवाला देते हुए भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया।
ट्रंप का अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला 21 दिनों के बाद लागू होगा जिसके बाद कुछ भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। अमेरिका द्वारा लगाए गए इस शुल्क से कपड़ा, समुद्री और चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।