उत्तरकाशी जिले के आपदाग्रस्त धराली गांव में बचाव दलों ने बुधवार को दो लाशें बरामद कीं। अब तक 190 लोगों को बाहर निकाला गया है। हालांकि अंधेरा होने के साथ ही मलबे में फंसे लोगों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
उत्तराखंड में आसमानी आफत कहर बनकर टूट रही है। धराली में बुधवार को मलबे से दो और शव मिलने के बाद मरने वालों की संख्या छह हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग अब भी लापता हैं। हालांकि सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने लापता लोगों का पहला आंकड़ा जारी करते हुए लगभग 15 लोगों के लापता होने की बात कही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं।
अब तक 190 लोगों को निकाला
बचाव दलों ने बुधवार को धराली गांव में दो और लाशें बरामद कीं। अब तक 190 लोगों को बाहर निकाल लिया गया। हालांकि अंधेरा होने के साथ ही मलबे में फंसे लोगों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बुधवार को दो शव बरामद किये गये। उन्होंने लापता लोगों का आधिकारिक आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि अभी भी 15 लोग लापता हैं।
लैंडस्लाइड: जगह-जगह टूटी सड़क ने रोकी मदद
उत्तरकाशी के बाद लैंडस्लाइड और तेज बहाव के कारण जगह-जगह टूटी सड़क ने धराली तक राहत दलों को नहीं पहुंचने दिया। उत्तरकाशी से करीब 15 किमी आगे चलकर मनेरी में सिलकुरा के पास सड़क को नदी ने काट दिया है। यहां से आगे लोग पैदल या बीच में फंसे वाहनों की मदद से जा रहे हैं। 17 किमी का ये सफर पूरा कर दूसरी बाधा भटवाड़ी में चड़ेथी के पास मिलती है जहां सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। इससे आगे फिर एक किमी पैदल चलना पड़ता है फिर सड़क गायब मिलती है।
पुल नहीं होने से बढ़ी परेशानी
इसके आगे फिर लोग करीब 12 किमी बीच में फंसे वाहनों या पैदल गंगनानी में नागदेवता मंदिर के पास पहुंचते हैं। लेकिन नागदेवता में पूरा पुल ही गायब हो गया है। यहां से धराली करीब 35 किमी दूर है और जब तक वेलीब्रिज नहीं बनता यहां से वाहन आगे नहीं जा सकते।
दूसरे दिन भी रेक्यू ने नहीं पकड़ा जोर
खीरगंगा में आए सैलाब से जमींदोज धराली में दूसरे दिन भी राहत कार्य पूरी तरह शुरू नहीं हो पाए हैं। एनडीआरएफ की दो और टीम धराली जाने के लिए रवाना हो चुकी हैं लेकिन लगातार भूस्खलन के कारण ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग के अवरुद्ध होने से वहां पहुंच नहीं पा रही हैं।
सीमित संसाधनों के साथ बचाव कार्य
हर्षिल, कोपांग में पहले से मौजूद सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवान सीमित संसाधनों के साथ ही राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए नजर आए। हालांकि राहत की बात यह रही कि बुधवार को आसपास के गांवों की मदद बड़े स्तर पर जवानों को जरूर मिली।
दो चिनूक हेलीकॉप्टर पहुंचे
देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड पर दो चिनूक हेलीकॉप्टर पहुंच गए हैं जिनमें एनडीआरएफ के 50 जवानों को बचाव उपकरणों के साथ घटनास्थल पर भेजा जाएगा। वायुसेना के पांच एएन-32 हेलीकॉप्टर भी घटनास्थल पर जाने के लिए हेलीपैड पर पहुंच गए हैं। लैंडस्लाइड के कारण सड़कें जगह-जगह बंद हैं। इस वजह से मदद पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं। आलम यह है कि यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से मशीनरी पहुंचाई जा रही है।
बारिश के बीच कई टन मलबे में लोगों की तलाश
मौजूदा सूरते हाल यह है कि घटनास्थल पर कई टन मलबा फैला है। लगातार बारिश भी परेशानी बढ़ा रही है। इन तमाम चुनौतियों के बीच आईटीबीपी, सेना और एसडीआरएफ के जवान मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
खराब मौसम भी ले रहा परीक्षा
एनडीआरएफ के डीआईजी ऑपरेशन मोहसिन शहीदी ने बताया कि उनकी दो टीमों को देहरादून से हवाई मार्ग से ले जाया जाना है लेकिन खराब मौसम इसमें अड़चन पैदा कर रहा है। धराली, देहरादून से लगभग 140 किलोमीटर दूर है और आमतौर पर सड़क मार्ग से वहां पहुंचने में 5 घंटे लगते हैं।
बीच में फंसी बचाव टीम
उत्तरकाशी में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग विभिन्न स्थानों पर बंद है और 200 से अधिक बचाव कर्मियों की एक संयुक्त टीम भटवाड़ी में मार्ग खुलने का इंतजार कर रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी से आगे लिमच्छा गाड़ बरसाती नाले पर बना एक पुल बाढ़ में बह गया, जिससे धराली जा रही बचाव कर्मियों की एक टीम रास्ते में ही फंस गयी है।
हेलीकॉप्टर से घायलों को किया एयरलिफ्ट
सुबह मौसम साफ होने पर करीब दस बजे से हेलीकॉप्टर के जरिए अधिकारी और राहत बचाव दल प्रभावित स्थल रवाना होने लगे थे। सेना के घायल 11 जवानों और दो लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए मातली स्थित आईटीबीपी अस्पताल लाया गया। तीन को हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया। दिन में युकाडा के मार्फत छह हेलीकॉप्टर समय समय पर उड़ान भरते रहे।
स्निफर डॉग्स की मदद लेने की तैयारी
अधिकारियों ने बताया कि इस साल फरवरी में माणा में हुए हिमस्खलन में बचाव कार्यों में मदद करने वाली सेना की आईबेक्स ब्रिगेड लापता लोगों की तलाश के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और स्निफर डॉग्स यानी खोजी कुत्तों की मदद लेने की तैयारी कर रही है।
लापता लोगों में 11 जवान भी शामिल
लापता लोगों में निकटवर्ती हर्षिल में प्रभावित हुए सेना के एक शिविर के 11 सैनिक भी शामिल हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर दो बजे से अपने भाई और उसके परिवार से संपर्क नहीं कर पाया है। मेरा छोटा भाई, उसकी पत्नी और बेटा है। धराली में हमारा एक होटल और एक घर था। सब कुछ बह गया। मैंने उनसे आखिरी बार कल दोपहर दो बजे बात की थी। मुख्यमंत्री ने मुझे भरोसा दिया है कि मौसम ठीक रहा तो बृहस्पतिवार को उनकी तलाश के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजा जाएगा।
हेलीकॉप्टरों को रखा गया है तैयार
प्रदेश के गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि आईटीबीपी, बीआरओ और एसडीआरएफ के 100 से ज्यादा जवान बचाव अभियान में लगे हुए हैं। कई और कर्मी जल्द इसमें शामिल होने वाले हैं। फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना ने एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा है जो मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे।
50 से अधिक के लापता होने का दावा
वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ में 50 से अधिक लोग लापता हो सकते हैं क्योंकि वहां जारी हर दूध मेले में आसपास के लोग भी वहां आए हुए थे और मलबे के अचानक आने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला।
केरल के 28 पर्यटक लापता
उत्तरकाशी आपदा के बाद से केरल के 28 पर्यटकों का समूह लापता हो गया है। समूह में शामिल एक दंपति के रिश्तेदार ने बताया कि इन 28 लोगों में से 20 केरल से हैं, जो महाराष्ट्र में बस गए हैं, जबकि बाकी आठ लोग केरल के विभिन्न जिलों से हैं। उन्होंने बताया कि दंपति के बेटे ने आखिरी बार उनसे एक दिन पहले बात की थी। रिश्तेदार ने कहा कि उन्होंने बताया कि वे उस दिन सुबह करीब साढ़े आठ बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले थे। उसी मार्ग में भूस्खलन हुआ था।
स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को पहुंचने के आदेश
अधिकारियों ने यहां बताया कि क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की तत्काल मरम्मत के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक सुनीता टम्टा ने पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को तत्काल उत्तरकाशी पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इन डॉक्टरों में एक जनरल शल्यचिकित्सक और दो हड्डीरोग शल्यचिकित्सक शामिल हैं।
रिजर्व किए गए बेड
आपदा के मद्देनजर देहरादून और ऋषिकेश के प्रमुख अस्पतालों में आईसीयू सहित बिस्तर आरक्षित कर दिए गए हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने बताया कि देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन अस्पताल और ऋषिकेश एम्स में 280 जनरल बेड और 90 आईसीयू बेड आरक्षित कर दिए गए हैं ताकि आपदाग्रस्त क्षेत्र से लाए जाने वाले घायलों को तत्काल उपचार मिल सके।
मनोचिकित्सकों की भी तैनाती
कुमार ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों में मानसिक तनाव और अवसाद की संभावना को देखते हुए धराली में तीन मनोचिकित्सकों को भी तैनात किया गया है जो राहत शिविरों में भी जाकर लोगों से संवाद करेंगे।
उफान पर नदियां
सूबे में विभिन्न जगहों पर बारिश हो रही है जिससे नदियां और नाले उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे का निशान पार कर गयी है। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश होने से हरिद्वार में गंगा 294 मीटर के अपने खतरे के निशान से आधा मीटर उपर बह रही है। गंगा के किनारे बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है। लोगों से फिलहाल नदी से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।
ट्रेनों की आवाजाही भी ठप
राजाजी बाघ अभयारण्य की मोतीचूर रेंज से गुजरने वाली रेलवे पटरी पर भूस्खलन होने से हरिद्वार से ऋषिकेश और देहरादून की ओर जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई। यात्रियों के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर एक हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। उधर, पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख दर्रे के जरिए कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं के चौथे जत्थे को गुंजी के रास्ते में भूस्खलन के कारण धारचूला में ही रोक लिया गया।
पीएम मोदी से मिले सांसद
उत्तराखंड में उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा को लेकर राज्य के सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की है। संसद भवन में हुई इस मुलाकात में सांसद अनिल बलूनी, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं अजय भट्ट मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने सांसदों को आश्वस्त किया कि वे स्वयं राहत एवं बचाव कार्य की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने लिया सीएम से अपडेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से धराली की आपदा और राहत-बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी एजेंसियां पूरे तालमेल के साथ काम कर रहीं हैं। कोशिश की जा रही है कि सभी आपदा प्रभावितों को जल्द से जल्द हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
महाराष्ट्र के 56 लोगों से भी संपर्क नहीं, मोबाइल नेटवर्क ठप
गंगोत्री यात्रा पर निकले महाराष्ट्र के 56 और केरल आठ लोगों से परिजनों और प्रशासन का संपर्क नहीं हो पा रहा है। चारधाम यात्रा मैनेजमेंट कंट्रोल रूम के मुताबिक बीते मंगलवार को 518 लोगों ने गंगोत्री धाम में दर्शन किए। इसके बाद यह वापस उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए। धराली आपदा में हर्षिल से लेकर गंगोत्री तक के बड़े इलाके में सड़क और मोबाइल नेटवर्क ठप हो गया है। इस वजह से मंगलवार को गंगोत्री धाम के दर्शन करने वाले बड़ी संख्या में लोग संपर्क से बाहर हैं।
सीएम कर रहे मॉनीटरिंग
धामी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करके स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव कार्यों की सघन निगरानी के लिए आज उत्तरकाशी में ही प्रवास करूंगा। अधिकारियों के साथ बैठक करके बचाव आपरेशन की लगातार समीक्षा भी कर रहा हूं। एसडीआएफ, एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी एवं स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता के साथ बचाव अभियान चला रहे हैं। 190 लोगों को बाहर निकाला गया है।