भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘बहुत अच्छा’ प्रदर्शन कर रही है और वैश्विक वृद्धि में अमेरिका से कहीं अधिक योगदान दे रही है।
RBI on Indian Economy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कुछ शर्तें लागू होंगी। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की नवीनतम बैठक के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्होत्रा ने कहा, “हमें अमेरिकी टैरिफ का (अर्थव्यवस्था पर) कोई बड़ा असर नहीं दिखता, जब तक कि आप जवाबी टैरिफ न लगाएं।”
भारतीय अर्थव्यवस्था का ‘बहुत अच्छा’ प्रदर्शन
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘बहुत अच्छा’ प्रदर्शन कर रही है और वैश्विक वृद्धि में अमेरिका से कहीं अधिक योगदान दे रही है। मल्होत्रा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि वैश्विक वृद्धि दर तीन प्रतिशत रहने का अनुमान है। मल्होत्रा ने यहां द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम वैश्विक वृद्धि में करीब 18 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं, जो करीब 11 प्रतिशत योगदान देने वाले अमेरिका से कहीं अधिक है।’’ उन्होंने कहा कि अगर भारत को अपनी तेल खरीद रूस के बजाय कहीं और से करने के लिए मजबूर किया गया तो भी उसका घरेलू मुद्रास्फीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने संकेत दिए कि यदि जरूरत पड़ी तो सरकार शुल्क में कटौती कर आम लोगों को राहत दे सकती है। वहीं, आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने कहा कि भू-राजनीतिक परिस्थितियों का प्रत्यक्ष प्रभाव घरेलू मुद्रास्फीति पर नहीं होगा।
क्या है ट्रंप का बयान
बता दें कि आरबीआई प्रमुख की यह टिप्पणी मंगलवार को ट्रंप द्वारा यह कहे जाने के बाद आई है कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ में ‘काफी’ वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीदकर रूस-यूक्रेन युद्ध को ‘बढ़ावा’ देने का आरोप लगाया। बता दें कि ट्रंप ने सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा: “उनका टैरिफ किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज़्यादा है… हमने 25% पर समझौता किया था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में इसे काफ़ी बढ़ा दूंगा क्योंकि वे रूसी तेल खरीद रहे हैं। वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं।”