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weapon license to assam peoples says cm himanta biswa sarma to security सुरक्षा के लिए प्रैक्टिकल तरीके अपनाने होंगे; असमिया मूल के लोगों को मिलेंगे हथियारों के लाइसेस, India News in Hindi

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सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मूल असमिया लोगों को सुरक्षा के लिए प्रैक्टिकल तरीके अपनाने होंगे। असम सरकार ‘संवेदनशील क्षेत्रों’ में रहने वाले मूलनिवासी लोगों को शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने की सुविधा के लिए एक पोर्टल लॉन्च होगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दी।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, गुवाहाटी, भाषाWed, 6 Aug 2025 01:56 PM

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपनी मुखर राय और सख्त फैसलों के लिए चर्चित रहे हैं। अब उन्होंने ऐसा ही एक फैसला और लिया है, जिसकी देश भर में चर्चा हो रही है। इसके तहत असम के मूल निवासियों को शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मूल असमिया लोगों को सुरक्षा के लिए प्रैक्टिकल तरीके अपनाने होंगे। असम सरकार ‘संवेदनशील क्षेत्रों’ में रहने वाले मूलनिवासी लोगों को शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने की सुविधा देने के उद्देश्य से एक पोर्टल लॉन्च करने वाली है। यह जानकारी मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई स्तरों पर जांच और सत्यापन के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। सरमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक समर्पित पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से ऐसे मूलनिवासी लोग शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे, जो अपने जीवन को खतरा महसूस करते हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में रहते हैं।’ मुख्यमंत्री के अनुसार ऐसे व्यक्ति जो असम के ‘मूल निवासी या भारतीय नागरिक’ हैं और जो अपने निवास क्षेत्र की संवेदनशीलता के कारण ‘अपने जीवन और सुरक्षा को लेकर वास्तविक खतरा महसूस करते हैं’, वे आवेदन के पात्र होंगे।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसे लोग जो जिला प्रशासन द्वारा अधिसूचित या अधिकृत सुरक्षा एजेंसियों के आंकलन के अनुसार ‘अत्यधिक संवेदनशील या दूरदराज क्षेत्रों’ में निवास करते हैं, वे भी शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में सुरक्षा संबंधी गहन आकलन, सत्यापन, वैधानिक अनुपालन, गैर-हस्तांतरणीय शर्तें, समय-समय पर समीक्षा, निगरानी और रिपोर्टिंग आदि शामिल होंगे।

राज्य मंत्रिमंडल ने 28 मई को निर्णय लिया था कि ‘संवेदनशील और दूरदराज’ क्षेत्रों में रहने वाले मूलनिवासी लोगों को शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे ताकि उनमें सुरक्षा की भावना उत्पन्न की जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया था कि कुछ ऐसे संवेदनशील क्षेत्र धुबरी, मोरीगांव, बारपेटा, नागांव, दक्षिण सालमारा-मनकाचर, रुपाही, धिंग और जानिया हैं। इन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी अपेक्षाकृत अधिक है। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया था कि असम आंदोलन (1979 से 1985) के समय से ही इन क्षेत्रों में रहने वाले मूलनिवासी लोग अपनी सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा था ‘असमिया लोग अब केवल आंदोलन से नहीं, बल्कि व्यावहारिक कदम उठाकर ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।’

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