बासुकिनाथ धाम में धार्मिक उत्साह और सामाजिक सौहार्द का संगम दिख रहा है. उमड़ी कांवरियों की भीड़, फौजदारी बाबा दरबार में लगा आस्था का सैलाब.प्रतिनिधि, बासुकिनाथ.
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के 26वें दिन श्रावण मास, शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि बुधवार को बाबा फौजदारीनाथ के मंदिर में श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. मंदिर में बाबा फौजदारीनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए कांवरियों का तांता लगा हुआ है. बासुकि बाबा के दरबार में धार्मिक उत्साह और सामाजिक सौहार्द का संगम दिख रहा है. 2.30 बजे रात से मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट व मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. प्रशासन द्वारा कांवरियों को नियंत्रित ढंग से मंदिर में प्रवेश दिलाया जा रहा है. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 1.37 लाख कांवरियों ने स्पर्श पूजा एवं अरघा में जल डालकर कामना की. जलार्पण के लिए आंतरिक और बाहरी अरघा के साथ-साथ शीघ्रदर्शनम कूपन की भी व्यवस्था की गयी है. मंदिर का पट खुलने के बाद विधानपूर्वक रात्रि श्रृंगार उठा, उसके बाद वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में मंदिर पुजारी ने सरकारी पूजा की. चार बजे सुबह से जलार्पण शुरू हुआ. गर्भगृह में शिवलिंग पर गंगाजल डालकर भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ से सुख-समृद्धि की कामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गूंजता रहा. महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराकर जलार्पण कराया. कांवरियों की श्रद्धा, भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी. तीन बजे भोर से ही मंदिर में भक्तों का जो तांता चला, वह शाम तक लगा रहा. संध्या पूजा में कुछ देर के लिए विराम हुआ फिर जलार्पण अनवरत चल रहा है. मेले में कांवरियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है. श्रद्धालु बोल बम का नारा लगाते हुए बाबा को जल चढ़ाते हैं. कांवरियों की कतार दर्शनीयाटिकर रिंग रोड से शिवगंगा रूट लाइन, क्यू कॉम्पलेक्स, फलाहारी धर्मशाला व संस्कार मंडप होते हुए श्रद्धालुओं की कतार बोल बम के जयकारा के साथ मंदिर प्रांगण में प्रवेश करती है. मंदिर में आठ जलार्पण काउंटर भी बनाए गए हैं. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 10,600 महिला-पुरुष कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर जल डाला. शिवभक्तों ने एलइडी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर यहां जलार्पण किया. पाइप लाइन द्वारा यह गंगाजल सीधे शिवलिंग पर गर्भगृह में गिरता है. काउंटर पर वैसे कांवरिया जलार्पण करते हैं जो कांवरिया शेड में कतारबद्ध नहीं होना चाहते. कांवरिया भक्त इसे इंटरनेट पूजा भी कहते हैं.
14,07,538 रुपये की हुई आमदनी :
मंदिर न्यास पर्षद बासुकिनाथ को बुधवार को विभिन्न स्रोतों से 14,07,538 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 2,02,910 रुपये, गर्भगृह गोलक से 53,240 रुपये नगद प्राप्त हुए. अन्य स्रोतों से 3,888 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. मंदिर दानपेटी व गोलक से निकली राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी की निगरानी में की गयी.
3825 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया :
शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत बुधवार को 3825 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ का जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत मंदिर न्यास समिति को 11 लाख 47 हजार 500 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर अधिकांश कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
छत्तीसगढ़ कांवर मंडली ने स्पर्श पूजा की :
छत्तीसगढ़ की कांवरिया मंडली ने कतार में लगकर मंदिर गर्भगृह में स्पर्श पूजा की. मंदिर परिसर में आरती की. जलार्पण के बाद श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया. भक्तों ने बताया कि नौ वर्षों से सावन में फौजदारी बाबा के दरबार में पूरी मंडली के साथ जलार्पण के लिए आते रहे हैं. सुल्तानंगज से जल उठाकर पहले देवघर में जलार्पण किये, उसके बाद बासुकिनाथ आते हैं. भोलेनाथ से अरजी लगाने गांव से भक्तों की मंडली पहुंची है. मंडली के सदस्य रामचंद्र मांझी, देवकी रानी, समीरचंद्र मांझी आदि ने बताया कि फौजदारी बाबा की पूजा-आरती कर मन को बड़ा सुकून मिलता है.
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