पुलिस के अनुसार ग्रामीणों के साथ सुरक्षा बलों का सकारात्मक संवाद, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत दी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार से नक्सलियों का माओवादी संगठन से मोहभंग हुआ है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली, जब 24 लाख रुपए के छह इनामी नक्सलियों समेत कुल नौ नक्सलियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस बारे में जानकारी देते हुए बुधवार को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की संबंधित नीति के तहत पुनर्वास के लिए 50-50 हजार रुपए के चेक दिए गए हैं।
पुलिस के अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान बक्सू ओयाम (27), बुधराम पोटाम (36), हिड़मा ऊर्फ हिरिया (26), मंगू उईका ऊर्फ टोग्गी (38), रोशन कारम ऊर्फ सोनू (24), मंगलों पोड़ियाम (23), कमलू हेमला ऊर्फ कुम्मा (28), बुधराम हेमला (47) और पण्डरू पूनेम (38) के रूप में हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सली बक्सू ओयाम माड़ डिवीजन के अंतर्गत कंपनी नंबर एक में पार्टी सदस्य था और उस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। जबकि एरिया कमेटी सदस्य बुधराम पोटाम और हिड़मा ऊर्फ हिरिया पर पांच—पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था। अधिकारियों ने बताया कि मंगू उईका के अलावा चिन्नापल्ली एरिया कमेटी पार्टी के सदस्य रोशन कारम और भैरमगढ एरिया कमेटी पार्टी सदस्य मंगलों पोड़ियाम पर दो-दो लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों का ग्रामीणों के साथ हो रहा सकारात्मक संवाद, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत दी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार प्रसार से नक्सलियों का माओवादी संगठन से मोहभंग हुआ है। साथ ही संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद और समाज की मुख्यधारा से जुड़कर पारिवारिक जीवन जीने की चाह के कारण नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में इस साल एक जनवरी से अब तक 310 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा 277 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। जिले में अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 131 माओवादी मारे गए हैं।