केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि लोकसभा में SIR पर चर्चा नहीं कराई जा सकती है, क्योंकि नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं। उन्होंने कहा है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इसीलिए इस पर सदन में बहस नहीं की जा सकती है
बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण, SIR को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन जारी है। संसद के दोनों सदनों में मॉनसून सत्र की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया है। इस कारण संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित भी करनी पड़ी है। बुधवार को भी लोकसभा में विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच किरण रिजिजू ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि सदन में इस मुद्दे पर बहस नहीं कराई जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में कहा है कि SIR प्रक्रिया पर लोकसभा में चर्चा नहीं कराई जा सकती है क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और नियमों के मुताबिक सदन में कोर्ट में लंबित मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा सकती है। इससे पहले बुधवार को दोपहर 2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, विपक्ष ने चुनाव आयोग की संशोधित सूची को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद किरण रिजिजू ने सदन को बताया कि बताया कि लोकसभा के नियम, सदन में कोर्ट में विचाराधीन मामलों पर चर्चा की इजाजत नहीं देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव आयोग जैसी स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती। रिजिजू ने आगे कहा, “क्या आप सदन के नियम तोड़ना चाहते हैं? क्या आप देश के जीतें तोड़ना चाहते हैं? मैं विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि वे सदन को चलने दें।” इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद लगातार नारे लगाते रहें जिसके बाद सदन की कार्रवाई को दिन भर कर लिए स्थगित कर दिया गया।
इस बीच उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को चुनाव आयोग को विशेष पुनरीक्षण के दौरान बिहार मतदाता सूची से हटाये गए 65 लाख लोगों का विवरण देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इसकी सूची साझा करने के लिए 3 दिन का समय दिया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस उज्ज्ल भुयान और जस्टिस एन के सिंह की पीठ ने आयोग से शनिवार तक जवाब देने को कहा है।