Atal Pension: लोकसभा की वित्त संबंधी स्थाई समिति ने अटल पेंशन योजना (APY) का दायरा बढ़ाने की सिफारिश की है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के लिए निर्धारित फंड में से सिर्फ 29.19 फीसदी का उपयोग किए जाने पर चिंता जताई है।
लोकसभा की वित्त संबंधी स्थाई समिति ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का दायरा बढ़ाने की सिफारिश की है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के लिए निर्धारित फंड में से सिर्फ 29.19 फीसदी का उपयोग किए जाने पर चिंता जताई है। समिति ने गांवों में बैंकों द्वारा नियुक्त किए जाने वाले व्यावसाय प्रतिनिधि आउटलेट्स की संख्या में कमी को लेकर भी गहरी चिंता व्यक्त की है। समिति का मानना है कि बीसी की संख्या कम होने की वजह से योजना के विस्तार पर असर पड़ा है।
संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अनौपचारिक क्षेत्र को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए योजना से बड़ी संख्या में लोगों को जोड़े जाने की जरूरत है। योजना में निरंतर भागेदारी से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लोगों को दीर्घकालीन लाभ होगा।
योजना का लाभ बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के लोगों को दिया जा सके, इसके लिए योजना से जुड़े प्रचार-प्रसार और नामांकन प्रक्रिया को बढ़ाने से जुड़े कार्यों पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में आवंटित धनराशि में से 92.32 फीसदी का उपयोग किया गया, लेकिन वित्तीय वर्ष 2024-25 में दो फरवरी 2025 तक महज 29.19 फीसदी फंड का उपयोग किया गया।
समिति ने इस भारी विसंगति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यान्वयन की दक्षता, धन के समय पर वितरण और व्यावसाय प्रतिनिधियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में गंभीर सवाल है। ऐसे में समिति ने योजना के विस्तार को लेकर कई अहम सिफारिशें भी की हैं।
समिति द्वारा की गई प्रमुख सिफारिशें
– फंड क्यों नहीं खर्च हुआ? इसकी जांच करो और हल निकालो।
– APY के प्रचार पर नजर रखो – क्या असर हो रहा है?
– गाँव वालों से फीडबैक लो ताकि योजना उन तक ठीक से पहुंचे।
– बैंक सहयोगियों (BC) का कमीशन बढ़ाओ, ताकि वे गांवों में काम करना जारी रखें।
ग्रामीण क्षेत्र में बैंकों के प्रतिनिधियों की संख्या में गिरावट
समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक के वार्षिक प्रतिवेदन (2024-2025) का हवाला देते हुए कहा कि गांवों में व्यवसाय प्रतिनिधि आउटलेट्स की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो दिसंबर 2023 में 15.92 लाख से घटकर दिसंबर 2024 में 13.55 लाख हो गई है।
शहरी क्षेत्र में व्यवसाय प्रतिनिधियों की संख्या बीते वर्ष के 3.58 लाख से बढ़कर दिसंबर 2024 में 3.67 लाख हो गई है। व्यवसाय प्रतिनिधि केवल एपीवाई के विस्तार का साधन नहीं हैं। वह दूरदराज के इलाकों में रह रहे ग्राहकों की बुनियादी बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया एक अनिवार्य घटक हैं।
यह गिरावट दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच को प्रत्यक्ष रूप से बाधित करती है। समिति का मानना है कि व्यवसाय प्रतिनिधियों की संख्या में कमी के पीछे कम कमीशन को एक कारण मानते हुए कई अहम सिफारिशें की हैं, जिसमें उनके विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उचित उपाय किए जाने के लिए कमीशन दरों का व्यापक पुनर्मूल्यांकन कर संशोधन करने की सिफारिश की गई है।
क्या है एपीवाई?
अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए 1 जून 2015 से योजना को शुरू किया गया है। योजना के जरिए 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के लोग मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक योगदान कर सकते हैं, जिसके बाद 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर एक हजार से लेकर पांच हजार की मासिक पेंशन की गारंटी दी जाती है।