अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अगले एक सप्ताह या उसके आसपास सेमीकंडक्टर्स और चिप्स के आयात पर नए टैरिफ लागू किए जाएंगे। अप्रैल में ही उन्होंने स्मार्टफोन्स, कंप्यूटरों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को उच्च शुल्कों से छूट दी थी, हालांकि अन्य मौजूदा शुल्क जारी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि “अगले एक सप्ताह या उसके आसपास” सेमीकंडक्टर्स और चिप्स के आयात पर नए टैरिफ लागू किए जाएंगे। यह कदम उनकी सरकार की आक्रामक व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को वापस लाना है।
सीएनबीसी के ‘स्क्वॉक बॉक्स’ कार्यक्रम में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “हम सेमीकंडक्टर्स और चिप्स पर टैरिफ का ऐलान करने जा रहे हैं, जो एक अलग श्रेणी है, क्योंकि हम चाहते हैं कि ये अमेरिका में बनें।”
हालांकि, उन्होंने टैरिफ रेट या लागू होने के समय के बारे में कोई डीटेल नहीं दिया। यह घोषणा ऐसे समय आई है, जब अमेरिकी वाणिज्य विभाग अप्रैल से ही संभावित शुल्कों की तैयारी के लिए सेमीकंडक्टर मार्केट की जांच कर रहा है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस उद्योग से वैश्विक स्तर पर लगभग 700 अरब डॉलर की बिक्री होने का अनुमान है।
किन देशों और कंपिनयों पर पड़ेगा असर
दुनिया के अधिकांश एडवांस्ड सेमीकंडक्टर फिलहाल ताइवान से आते हैं, जहां प्रमुख चिप निर्माता कंपनी टीएसएमसी स्थित है। इसके ग्राहकों में एप्पल, एनवीडिया, क्वालकॉम और एएमडी जैसी तकनीकी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं।
TOI की खबर के मुताबिक ट्रंप की यह घोषणा उनकी हाल की नीतियों में बदलाव को दर्शाती है। अप्रैल में ही उन्होंने स्मार्टफोन्स, कंप्यूटरों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को उच्च शुल्कों से छूट दी थी, हालांकि अन्य मौजूदा शुल्क जारी हैं। यूएस सीमा शुल्क एजेंसी ने चीनी माल पर 125% अतिरिक्त शुल्क और 10% वैश्विक शुल्क से विभिन्न तकनीकी उत्पादों को छूट देने का मार्गदर्शन अपडेट किया था।
लोग टैरिफ को पसंद करते हैं”
ट्रंप के “लोग टैरिफ को पसंद करते हैं” के दावों के बावजूद, सीएनबीसी के अनुसार कई पोल ट्रैकर्स में उनकी स्वीकृति रेटिंग घटी है। ऐतिहासिक आंकड़े दिखाते हैं कि उनके पहले कार्यकाल (2018-2021) में चीन के साथ ट्रेड वॉर के दौरान चीन का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस वास्तव में बढ़ा था।
ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की 52 अरब डॉलर की चिप्स अधिनियम सब्सिडी को “हास्यास्पद” बताते हुए आलोचना की है। उनका तर्क है कि घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए शुल्कों का खतरा ज्यादा बेहतर प्रेरणा देता है। इस साल जनवरी में हाउस जीओपी सम्मेलन में उन्होंने दावा किया था कि “हमारे पास पहले से कहीं ज्यादा कम समय में अधिक प्लांट बनेंगे,” लेकिन इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई।