निक्की हेली और डोनाल्ड ट्रंप.
रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका को भारत जैसे मजबूत साझेदार के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करना चाहिए और चीन को छूट नहीं देनी चाहिए. उन्होंने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और रूसी तेल की खरीद को लेकर दिल्ली पर किए गए हमलों के बीच कही.
निक्की हेली ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए. लेकिन चीन, जो एक विरोधी है और रूसी और ईरानी तेल का नंबर एक खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए शुल्क पर रोक लगा दी गई है.
चीन को छूट नहीं देनी चाहिए
उन्होंने कहा कि चीन को छूट नहीं देनी चाहिए और भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ अपने रिश्ते खराब न करें. दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर हेली, ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतवंशी बनीं.
India should not be buying oil from Russia. But China, an adversary and the number one buyer of Russian and Iranian oil, got a 90-day tariff pause. Dont give China a pass and burn a relationship with a strong ally like India.
— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 5, 2025
भारत पर टैरिफ लगाने की तैयारी में ट्रंप
उन्होंने आधिकारिक तौर पर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी और पिछले साल मार्च में दौड़ से हट गईं. हेली का बयान ऐसे वक्त आया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है और वह अगले 24 घंटों में भारत पर शुल्क को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने रूस से तेल आयात पर टैरिफ बढ़ाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणाओं पर कटाक्ष किया. हेली ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चीन अमेरिका का विरोधी है और रूसी और ईरानी तेल का नंबर एक खरीदार है, जिसे ट्रंप प्रशासन द्वारा 90 दिनों का टैरिफ विराम दिया गया है.
रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए
उन्होंने कहा कि भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए. लेकिन चीन, जो एक विरोधी है और रूसी और ईरानी तेल का नंबर एक खरीदार है, को 90 दिनों का टैरिफ विराम मिला है. चीन को छूट न दें और भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ संबंध खराब न करें.
भारत से आयात पर लगाएंगे टैरिफ
रॉयटर्स के अनुसार, ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत से आयात पर लगाए गए टैरिफ को वर्तमान 25% की दर से काफी हद तक बढ़ा देंगे, क्योंकि नई दिल्ली रूसी तेल की लगातार खरीद कर रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं, और अगर वे ऐसा करने जा रहे हैं, तो मैं खुश नहीं होऊंगा.
तेल आयात करने पर जुर्माना
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत के साथ मुख्य अड़चन यह थी कि उसके टैरिफ बहुत अधिक थे, लेकिन उन्होंने नई टैरिफ दर प्रदान नहीं की. ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका भारी मात्रा में रूसी तेल खरीदने के लिए भारत द्वारा भुगतान किए गए टैरिफ को काफी बढ़ाएगा, भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ और रूस से तेल आयात करने पर जुर्माना लगाया जाएगा.
भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच रहा है. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि रूसी युद्ध मशीन द्वारा यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं. इस वजह से मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में काफी वृद्धि करूंगा.
90 दिनों के टैरिफ विराम पर सहमत
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन मई में 90 दिनों के टैरिफ विराम पर सहमत हुए थे, जिसके दौरान अमेरिकी टैरिफ 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत और चीनी शुल्क 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिए गए थे. सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी के तुरंत बाद, भारत ने कहा कि भारत को निशाना बनाना अनुचित है. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता के एक बयान में कहा गया है कि सरकार अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी.