होम विदेश हिरोशिमा दिवस 2025: क्या फिर दुनिया देखेगी हिरोशिमा जैसी त्रासदी, न्यूक्लियर वॉर को लेकर दुनिया में क्यों छिड़ी बहस?

हिरोशिमा दिवस 2025: क्या फिर दुनिया देखेगी हिरोशिमा जैसी त्रासदी, न्यूक्लियर वॉर को लेकर दुनिया में क्यों छिड़ी बहस?

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दुनिया में कई मोर्चो पर तनाव है, जिससे न्यूक्लियर वॉर का खतरा बढ़ रहा है.

हिरोशिमा में 80 साल पहले जो हुआ उसका दर्द आज भी ताजा है, वो अटैक दुनिया के लिए एक इतिहास नहीं बल्कि चेतावनी है कि कैसे एक गलती दुनिया में तबाही मचा सकती है. आज जिस दौर से दुनिया गुजर रही है उसमें यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. दरअसल कुछ देशों में जिस तरह से तनाव है, उससे ये माना जा रहा है कि तीसरा वर्ल्ड वॉर कभी भी हो सकता है, अगर ऐसा हुआ तो दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो अपने दुश्मन देश पर न्यूक्लियर वॉर कर सकते हैं.

द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने हिरोशिमा पर 6 अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराया था. इसके ठीक 3 दिन बाद 9 अगस्त को नागासाकी पर न्यूक्लियर अटैक किया था. तब से अब तक ये गनीमत है कि किसी भी देश ने परमाणु हथियार का प्रयोग नहीं किया. हालांकि वर्तमान में जैसे हालात हैं, उसमें ये माना जा रहा है कि दुनिया में वर्ल्ड वॉर थ्री छिड़ सकता है. खासकर अमेरिका और रूस, साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया में तथा अमेरिका और चीन में इसकी संभावना बहुत ज्यादा है. YouGov की तरफ से तो इस पर एक सर्वे भी कराया गया है, जिसमें यूरोप के लोगों ने परमाणु युद्ध की संभावना पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

हिरोशिमा-नागासाकी एक चेतावनी

हिरोशिमा पर 6 अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराया गया था, इसके ठीक 3 दिन बाद 9 अगस्त को नागासाकी पर बम गिराया गया था. यह एक चेतावनी की तरह है. दरअसल दोनों परमाणु अटैक में तकरीबन 2 लाख से अधिक मौतें हुईं थीं. कई पीढ़ियों तक इनका असर दिखा था. आज भी उस विनाश की भयावह तस्वीरें लोगों की आंखों में जिंदा हैं. खासतौर से इसलिए है, क्योंकि आज दुनिया में हजारों न्यूक्लियर हथियार मौजूद हैं. अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया जैसे देश पूरी तरह से परमाणु हथियारों से लैस हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध और परमाणु धमकी

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा है, अमेरिका की ओर से कई बार रूस को चेतावनी दी जा चुकी है, मगर पुतिन है कि मानने का नाम नहीं ले रहे.वह कई बार यूक्रेन और यूरोप को परमाणु वॉर की धमकी दे चुके हैं. पिछले दिनों रूस में न्यूक्लियर वॉर एक्सरसाइज हुई थी, जिसे रूस की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा था. खासकर नाटो देशों के साथ तनाव के बीच माना जा रहा है कि रूस न्यूक्लियर अटैक कर सकता है. हालांकि अमेरिका भी पीछे नहीं है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में रूस के खिलाफ दो परमाणु सबमरीन तैनात करने के आदेश दिया था. ये सबमरीन कहां तैनात की गई हैं इसका खुलासा नहीं हो सका है.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव

भारत और पाकिस्तान के बीच भी तनाव चरम पर है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर परमाणु अटैक की धमकी दी गई. हालांकि भारत हमेशा से नो फर्स्ट यूज की नीति पर चलता है. इसके तहत भारत परमाणु हमला तभी करेगा जब उस पर अटैक कर खतरा हो. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान ने किसी तरह की हरकत की तो भारत उसका माकूल जवाब देगा.

साउथ कोरिया Vs नॉर्थ कोरिया

साउथ कोरिया की ओर से परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ऐसे में साउथ कोरिया पर नॉर्थ कोरिया की ओर से खतरा है जो साफ तौर पर न्यूक्लियर हमले की चेतावनी दे चुका है.नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दावा किया है कि नॉर्थ कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं, ऐसे में दोनों देशों के बीच बढ़ रहा तनाव परमाणु हमले की संभावना को बल दे रहा है. हालांकि ये तय है कि अगर नॉर्थ कोरिया की ओर से किसी तरह की हरकत की जाती है तो फिर अमेरिका साउथ कोरिया की तरफ से किम पर अटैक कर सकता है.

इजराइल और ईरान

इजराइल और ईरान के बीच हाल ही में पनपे तनाव की वजह परमाणु बम ही है. दरअसल इजराइल का आरोप है कि ईरान परमाणु बम बना रहा है, इसी आरोप के चलते उसने ईरान पर हमले किए थे. इसके बाद अमेरिका ने भी अपने बॉम्बर विमान ने ईरान की परमाणु साइटों को निशाना बनाया था. इस बीच संयुक्त राष्ट्र और IAEA बार-बार चेतावनी दे रहे हैं. ईरान ने भी IAEA को अपने परमाणु केंद्रों का निरीक्षण करने से रोक दिया है. अमेरिका के साथ भी ईरान की बातचीत अभी अधर में है.

क्या कहती है स्टडी?

YouGov की तरफ से हाल ही में कराए गए सर्वे के मुताबिक ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन के 41% से 55% लोगों का मानना है कि अगले दस साल में तीसरा विश्वयुद्ध हो सकता है.इसमें अमेरिका के भी 45% लोगों ने अपनी राय रखी है. इसमें से 68 से 76 प्रतिशत लोगों को यह लगता है कि इस युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा और इसमें हिरोशिमा से ज्यादा हानि होगी. अगर यूरोप और अमेरिका की बात करें तो इसमें से अधिकांश लोगों ने ये बताया कि तीसरे विश्व युद्ध की संभावना है. खास बात ये है कि पश्चिमी यूरोप में 72% से 82% और अमेरिका में 69% लोग रूस को प्रमुख खतरा मानते हैं.खास बात ये है कि अमेरिका को लेकर भी यूरोप के लोग संदेह में हैं. स्पेन (58%), जर्मनी (55%) और फ्रांस (53%) के लोगों का मानना है कि अमेरिका के साथ रूस का बढ़ता खतरा शांति के लिए ठीक नहीं है.

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