भारत ने कहा था कि यूरोप और अमेरिकी तरफ से उसे निशाना बनाया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात तथा मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।
लगातार टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भारत के सवालों का जवाब खोज रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं है कि रूस से अमेरिका उर्वरक और रसायन खरीदता है। हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि यूरोप और अमेरिका भी रूस से कई चीजें खरीदते हैं। इधर, ट्रंप रूसी तेल खरीदने के चलते भारत पर निशाना साध रहे हैं।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं हैं। हमें जांच करनी होगी।’ एक दिन पहले ही ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह 24 घंटों के अंदर भारत पर लगी टैरिफ दर को और ज्यादा बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका ने फिलहाल भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
साथ ही रूसी तेल खरीदने के चलते अमेरिका ने भारत पर जुर्माना भी लगाया है। इसके बाद भी ट्रंप लगातार रूसी तेल की खरीद के मुद्दे पर भारत पर सवाल उठा रहे हैं।
भारत का जवाब
भारत ने कहा था कि यूरोप और अमेरिकी तरफ से उसे निशाना बनाया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात तथा मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।
इसमें कहा गया, ‘जहां तक अमेरिका का सवाल है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात जारी रखे हुए है।’
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इस पृष्ठभूमि में, भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2024 में यूरोपीय संघ का रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।
इसने कहा कि इसके अलावा, 2023 में इसमें सेवाओं से जुड़ा व्यापार लगभग 17.2 अरब यूरो आंका गया। यह उस वर्ष या उसके बाद रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफी अधिक है।