जयप्रकाश एसोसिएट्स को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, इलाहाबाद पीठ के तीन जून, 2024 के आदेश के तहत कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया में लाया गया था। इसे खरीदने की रेस में डालमिया समूह भी है। इस दिवालिया कंपनी के शेयर की बात करें तो 3 रुपये के स्तर पर है।
JP Associates deal: कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को खरीदने के डालमिया भारत के प्रस्ताव को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने मंजूर कर दिया है। दरअसल, दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के प्रावधानों के तहत बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए समाधान योजना प्रस्तुत करने को लेकर प्रतिस्पर्धा नियामक से मंजूरी जरूरी होता है। जयप्रकाश एसोसिएट्स की बात करें तो यह कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत है। डालमिया भारत के अलावा कई अन्य कंपनियों ने भी जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के शेयर की बात करें तो 3.29 रुपये पर है। बीते मंगलवार को कारोबार के दौरान शेयर बीएसई पर 4.78% बढ़कर बंद हुआ।
अडानी समूह भी रेस में
उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी एंटरप्राइजेज, वेदांता समूह, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक जैसी कंपनियों ने भी ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष अपनी-अपनी समाधान योजना प्रस्तुत करने की अनुमति को लेकर प्रतिस्पर्धा आयोग से संपर्क किया है। उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के अनुसार, प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत किसी भी पात्र समाधान योजना पर कर्जदाताओं की समिति के मतदान करने से पहले प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी लेना अनिवार्य है।
डालमिया सीमेंट के बारे में
डालमिया सीमेंट, डालमिया भारत लिमिटेड (डीबीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है। डीबीएल मुख्य रूप से सीमेंट के निर्माण और बिक्री के कारोबार से जुड़ी है। वहीं, जयप्रकाश एसोसिएट्स को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, इलाहाबाद पीठ के तीन जून, 2024 के आदेश के तहत कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया में लाया गया था। समूह के ऋणों के भुगतान में चूक के बाद इसे दिवाला कार्यवाही के अंतर्गत लाया गया।
कर्जदाताओं का जयप्रकाश एसोसिएट्स के ऊपर 57,185 करोड़ रुपये का दावा है। कंपनी के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, आगामी जेवर हवाई अड्डे के पास एक स्पोर्ट्स सिटी परियोजना और दिल्ली-एनसीआर, आगरा और मसूरी में हॉस्पिटैलिटी सहित रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसके सीमेंट संयंत्र वर्तमान में बंद हैं।