होम विदेश कभी इस शख्स ने लगा दी थी नेतन्याहू-पुतिन की क्लास, अब खुद बुरी तरह फंसा

कभी इस शख्स ने लगा दी थी नेतन्याहू-पुतिन की क्लास, अब खुद बुरी तरह फंसा

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आईसीसी के प्रॉसीक्यूटर करीम खान. Image Credit source: Michael M. Santiago/Getty Images

गाजा में इजराइल और यूक्रेन में रूस के हमलों के खिलाफ जो शख्स इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में अकेले खड़ा रहा, अब वह बुरी तरह फंस गया है. ये शख्स थे करीम खान जिन्होंने अकेले ही बेंजामिन नेतन्याहू और पुतिन की क्लास लगा दी थी और आईसीसी से दोनों नेताओं के खिलाफ वारंट जारी कराया था. हालांकि दोनों ही देश आईसीसी को मान्यता नहीं देते इसलिए वारंट बेअसर रहा. अब करीम खान यौन दुराचार के आरोप में फंसे हैं, जिसकी जांच आईसीसी ही कर रहा है.

आईसीसी के चार पूर्व न्यायाधीशों ने करीम खान के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों और जांच की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. एक पूर्व जज ने तो यहां तक कह दिया है कि आईसीसी की कार्रवाई एक डाकू देश जैसी है. पूर्व जज का आरोप है कि करीम खान पर ये आरोप इसलिए लगाए गए हैं, क्योंकि उन्होंने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कराया था.

इस मामले में जारी कराया था वारंट

आईसीसी के अधिकारी करीम खान ने यूक्रेन में बच्चों के निर्वासन के मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल किया था. इसके अलावा उन्होंने नेतन्याहू के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध के खिलाफ भी वारंट जारी कराने में सफलता हासिल की थी. हालांकि दोनों ही देश आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देते हैं. इसीलिए मॉस्को ने इन्हें अपमानजनक बताते हुए निंदा की थी और इसे अमान्य बताया था. हालांकि इस वारंट की यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने तारीफ की थी. इनमें अमेरिका भी शामिल था. हालांकि अमेरिका को नेतन्याहू के खिलाफ जारी वारंट अच्छा नहीं लगा था.

अमेरिका ने लगा दिया था प्रतिबंध

नेतन्याहू के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद अमेरिका ने करीम खान और आईसीसी के चार जजों पर प्रतिबंध लगा दिए थे. अमेरिका की ओर से इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया था और दंडात्मक कदम उठाने की चेतावनी दी गई थी. यह प्रतिबंध जून के आखिर में लगाए गए थे. इसके कुछ समय बाद ही करीम खान के खिलाफ यौन दुराचार के आरोप सामने आए थे.

खान को जानबूझकर फंसाया गया

आईआईसी के पूर्व जज कुनो तारफुसर के हवाले से मिडिल ईस्ट आई ने लिखा है कि खान पर लगे आरोपों से वह परेशान और शर्मिंदा हैं. उनका दावा है कि खान को जानबूझकर फंसाया गया है. एक अन्य पूर्व जज ने तो यहां तक दावा किया है कि आईसीसी की ये प्रक्रिया अब डाकुओं के देश में प्रवेश कर गई है. उन्होंने कहा कि न्यायालय की निगरानी संस्थान, राज्य दलों की सभा और संयुक्त राष्ट्र के सेवा कार्यालय को जांच सौंपने के लिए जबरन आरोप लगाए गए, जबकि आईसीसी पहले ही खान के खिलाफ दो आंतरिक जांच बंद कर चुका था क्योंकि शिकायकर्ता ने सहयोग से इंकार कर दिया था.

वारंट और शिकायत में कनेक्शन

पूर्व जज ने दावा किया कि खान के खिलाफ शिकायत तब की गई जब वह नेतन्याहू के खिलाफ वारंट जारी कर रहे थे. बाद में वारंट का ऐलान होने के महीनों बाद ये आरोप फिर से सामने आए. जज ले मोंडे ने बताया कि आईसीसी की फ़िलिस्तीन जाँच का नेतृत्व करने वाले ब्रिटिश वकील एंड्रयू केली को डच खुफिया एजेंसी की ओर से चेतावनी देकर इजराइल का दुश्मन बताया गया था. बाद में उन्हें ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की ओर से ये भी धमकी दी गई कि अमेरिका उन पर प्रतिबंध लगा सकता है. इसके बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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