यूक्रेनी अधिकारियों ने पाया कि शहीद 136 यूसीएवी ड्रोन्स के उत्पादन में विशाय इंटरटेक्नोलॉजी और ऑरा सेमीकंडक्टर के इलेक्ट्रॉनिक घटक शामिल थे। दो मौकों पर यूक्रेनी अधिकारियों ने इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय के सामने मुद्दा उठाया है।
यूक्रेन जंग के बीच रूस से तेल खरीदने को लेकर जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से नाराज हैं और जु्र्माना लगाने का ऐलान किया है, वहीं अब यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ जंग में रूसी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ईरानी डिजायन वाले ड्रोन्स में भारत निर्मित इलेक्ट्रॉनिक कल पुर्जों का इस्तेमाल हो रहा है। इस मामले से परिचित लोगों ने बताया कि यूक्रेन ने भारत सरकार और यूरोपीय संघ (EU) के समक्ष औपचारिक रूप से यह मुद्दा उठाया है और दावा किया है कि ईरानी डिजायन वाले ड्रोनों में भारत की कंपनियों द्वारा निर्मित या असेंबल किए गए इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे पाए गए हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, पिछले साल से शहीद 136 मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहनों (UCAV) में ये पुर्जे पाए जाने के बाद, यूक्रेनी पक्ष ने कम से कम दो मौकों पर भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ औपचारिक राजनयिक पत्राचार के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया है।
मध्य जुलाई में उठाया गया था ये मुद्दा
नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि यूक्रेनी राजनयिकों ने यूरोपीय संघ के प्रतिबंध दूत डेविड ओ’सुलिवन के साथ जुलाई के मध्य में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। ओ’सुलिवन पिछले महीने यूरोपीय संघ के नवीनतम प्रतिबंध पैकेज पर भारतीय अधिकारियों को जानकारी देने के लिए भारत आए थे, जिसमें रूसी ऊर्जा कंपनी रोसनेफ्ट के संयुक्त स्वामित्व वाली वाडिनार रिफाइनरी को सूचीबद्ध किया गया था, और रूसी कच्चे तेल से बने परिष्कृत उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध भी शामिल था।
दस्तावेजों के मुताबिक, यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा की गई एक जाँच में यह स्थापित हुआ है कि विशाय इंटरटेक्नोलॉजी और ऑरा सेमीकंडक्टर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चाहे वो भारत में असेंबल किए गए हों या बनाए गए हों, रूस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे शाहेद 136 ड्रोन्स के उत्पादन में इस्तेमाल किए गए थे। इन दस्तावेजों में विशिष्ट पुर्जों की विस्तृत जानकारी और तस्वीरें उपलब्ध कराई गई हैं।
इन दो कंपनियों के कलपुर्जों का हो रहा जिक्र
दस्तावेजों के अनुसार, ईरानी डिजायन वाले ड्रोन शाहिद की वोल्टेज रेगुलेटर इकाई में भारतीय कंपनी विशाय इंटरटेक्नोलॉजी के “ब्रिज रेक्टिफायर E300359” का इस्तेमाल किया गया था, जबकि ड्रोन के सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जैमर-प्रूफ एंटीना में ऑरा सेमीकंडक्टर द्वारा निर्मित PLL-आधारित सिग्नल जनरेटर AU5426A चिप का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों ने कहा कि विशुद्ध रूप से तकनीकी आधार पर, दोनों कंपनियों ने किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले पर एक प्रश्न के उत्तर में कहा: “भारत द्वारा दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का निर्यात परमाणु अप्रसार पर उसके अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है, और उसके मजबूत घरेलू कानूनी और नियामक ढाँचे पर आधारित है। यह सुनिश्चित करने के लिए उचित जाँच-पड़ताल की जाती है कि ऐसे निर्यात हमारे किसी भी कानून का उल्लंघन न करें।”
नई दिल्ली स्थित यूक्रेनी दूतावास की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालाँकि, यूक्रेन के रक्षा खुफिया निदेशालय (HUR) ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज और टेलीग्राम चैनल पर शाहिद ड्रोन में भारतीय मूल के पुर्जे पाए जाने की सूचना दी है।