होम देश Sanjay raut accused of government of using politics in operation sindoor ऑपरेशन का नाम सिंदूर से जोड़ना धर्म का अपमान, गोधरा जैसे दंगों की थी साजिश; सांसद के आरोप, India News in Hindi

Sanjay raut accused of government of using politics in operation sindoor ऑपरेशन का नाम सिंदूर से जोड़ना धर्म का अपमान, गोधरा जैसे दंगों की थी साजिश; सांसद के आरोप, India News in Hindi

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भारत ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने 10 मई को अपने भारतीय समकक्ष से गोलीबारी और सैन्य गतिविधियां रोकने का अनुरोध किया था, जिस पर उसी दिन बाद में सहमति बनी थी।

शिवेसना (UBT) सांसद संजय राउत ने सैन्य अभियान का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखने पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सिंदूर से अभियान का नाम जोड़ना धर्म का अपमान है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाए हैं कि पहलगाम के बाद भारत में गोधरा जैसे दंगे की साजिश की जा रही थी। भारतीय सेना ने पहलगाम में हुई 26 लोगों की हत्या के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत तबाह कर दिया था।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राउत ने कहा, ‘…ऑपरेशन सिंदूर के लिए यह कह गया कि यह धर्म युद्ध है और हम तब ही रुकेंगे जब पाकिस्तान तबाह हो जाएगा…। ऐसा भाजपा ने कहा था। हम पूछते हैं कि अगर पाकिस्तान के साथ धर्मयुद्ध चल रहा था, तो वो लोग अखंड हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं और जब हमारे पास पाकिस्तान को खत्म करने और अखंड भारत का सपना पूरा करने का मौका था, तो इसे पूरा क्यों नहीं किया गया?…’

उन्होंने कहा, ‘ये लोग कहते हैं कि धर्म पूछकर हत्या हुई। सबसे पहली बात है कि उसमें दो राय हैं। लेकिन कुछ भी हो, पहलगाम के बाद इन लोगों ने धर्म का आधार लिया और धर्म के आधार पर राजनीति की और सैन्य अभियान भी किया। ऑपरेशन सिंदूर को सिंदूर के नाम से जोड़ना धर्म का अपमान था। भारतीय जनता पार्टी ने सैन्य अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया। इससे पहले भी ऑपरेशन महादेव है, गंगा जमुना ऑपरेशन…।’

भारत सरकार का क्या है पक्ष

भारत ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने 10 मई को अपने भारतीय समकक्ष से गोलीबारी और सैन्य गतिविधियां रोकने का अनुरोध किया था, जिस पर उसी दिन बाद में सहमति बनी थी। भारत ने कहा कि यह सहमति दोनों डीजीएमओ के बीच सीधे तौर पर बनी थी।

विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। आईयूएमएल सदस्य हारिस बीरान ने उनसे सवाल किया था, ‘क्या यह सच है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम वार्ता में किसी तीसरे पक्ष द्वारा हस्तक्षेप किया गया था?’

इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘जी नहीं। 10 मई 2025 को, पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष से गोलीबारी और सैन्य गतिविधियां बंद करने का अनुरोध किया, जिस पर उसी दिन सहमति दी गई। यह समझौता दोनों डीजीएमओ के बीच सीधे तौर पर हुआ।’ बीरान ने यह सवाल भी किया कि क्या युद्ध विराम के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच किसी द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘जी नहीं।’ एक दिन पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपरेशन सिंदूर पर उच्च सदन में हुई विशेष चर्चा का जवाब देते हुए कहा था, ‘ऑपरेशन सिंदूर किसी के कहने पर नहीं रोका गया। पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया और वहां के डीजीएमओ ने कॉल करके कहा…’बहुत हो गया, अब कृपया इसे रोक दीजिए’।’

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