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इजराइल और अमेरिका से बचने के लिए भारत जैसा डिफेंस सिस्टम सेट कर रहा है ईरान

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इजराइल के साथ चले 12 दिनों के युद्ध और अमेरिका के हमले झेलने के बाद ईरान अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में लग गया है. ईरान अब भारत की तरह ही अपने सुरक्षा ढांचे को तैयार कर रहा है. ईरान ने भारत के चीफ डिफेंस स्टाफ के तर्ज पर संयुक्त सुरक्षा परिषद का गठन किया है. ईरान सरकार के मुताबिक इसका काम तीनों सेनाओं के बीच कॉर्डिनेशन का है.

ईरान में 2 वायु, 2 थल और 2 नेवी सेना है. ईरान सरकार का कहना है कि तीनों में कॉर्डिनेशन न होने की वजह से हालिया जंग में उसे कई कमांडर खोने पड़ गए. संयुक्त सुरक्षा परिषद का चीफ राष्ट्रपति पजेशकियन को बनाया गया है.

ईरान का नया रक्षा ढांचा

इस्लामिक रिपब्लिक समाचार एजेंसी (IRNA) के मुताबिक परिषद की अध्यक्षता राष्ट्रपति के हाथ में होगी और इसमें सशस्त्र बलों के प्रमुख, सशस्त्र बलों के कमांडर और कुछ संबंधित मंत्रालय शामिल होंगे हैं. इजराइल और ईरान के बीच 12 दिनों के युद्ध के बाद सर्वोच्च सुरक्षा परिषद को ‘पुनर्जीवित’ करने का मुद्दा मीडिया में उठाया गया था, और कुछ लोगों ने इसे ‘नया रक्षा ढांचा’ कहा है.

क्यों बनाई की सुरक्षा परिषद?

ईरानी मीडिया के मुताबिक देश की रक्षा क्षमताओं को व्यापक रूप से मजबूत करने में मदद करने, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के अलावा परिषद में कुछ अन्य सैन्य कमांडरों की शामिल करेन और रक्षा क्षेत्र से संबंधित निर्णय लेने में तेजी लाने के लिए इस संस्था को शुरू किया गया है.

भविष्य की जंग की तैयारी

ईरान और इजराइल के बीच जून के महीने में चले 12 दिनों के संघर्ष के बाद दोनों ही देश अगली जंग की तैयारी कर रहे हैं. भले ही सीजफायर हो गया हो, लेकिन ईरान के राष्ट्रपति समेत कई नेताओं ने कहा है कि उन्हें ईरान के सीजफायर पर भरोसा नहीं है. इसलिए जहां ईरान अपने सैन्य ताकत को मजबूत कर रहा है, वहीं इसको चलाने वाली बॉडी को भी मजबूत करने में लगा है, ताकि किसी भी स्थिति में तेज कार्रवाई हो सके.

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