सी विजयकुमार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में $10.85 मिलियन (करीब 94.6 करोड़ रुपये) कमाए। उनका वेतन बड़े प्रतिद्वंद्वी कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस के प्रमुखों से भी अधिक रहा। साथ ही, कंपनी के बोर्ड ने अगले वित्तीय वर्ष (FY26) के लिए उनके वेतन में 71% की भारी भरकम इंक्रीमेंट को मंजूरी दी है।
एचसीएल टेक के CEO भारत के आईटी सेक्टर में सबसे अधिक सैलरी वाले अधिकारियों में शुमार हो गए हैं। सी विजयकुमार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में $10.85 मिलियन (करीब 94.6 करोड़ रुपये) कमाए। उनका वेतन बड़े प्रतिद्वंद्वी कंपनियों टीसीएस और इंफोसिस के प्रमुखों से भी अधिक रहा। पीटीआई की खबर के मुताबिक कंपनी के बोर्ड ने अगले वित्तीय वर्ष (FY26) के लिए उनके वेतन में 71% की भारी भरकम इंक्रीमेंट को मंजूरी दी है, जो अब $18.6 मिलियन (करीब 154 करोड़ रुपये) हो जाएगा।
सैलरी स्ट्रक्चर: कैसे बना रिकॉर्ड?
बेसिक सैलरी: $1.96 मिलियन (लगभग 17.1 करोड़ रुपये)
परफारमेंस बोनस: $1.73 मिलियन (लगभग 15.1 करोड़ रुपये)
RSU: $6.96 मिलियन (लगभग 60.7 करोड़ रुपये), जो कुल आय का सबसे बड़ा हिस्सा है।
अन्य लाभ: $0.20 मिलियन (लगभग 1.7 करोड़ रुपये)।
FY26 में यह स्ट्रक्चर और भी आकर्षक होगा, जहां फिक्स्ड और परफारमेंस-लिंक्ड कंपोनेंट दोनों में बढ़ोतरी की गई है।
प्रतिद्वंद्वियों से कितना आगे हैं विजयकुमार?
विजयकुमार का वेतन अन्य आईटी दिग्गजों के मुकाबले काफी अधिक है, जैसे…
टीसीएस के के कृतिवासन: ₹26.52 करोड़
इंफोसिस के सलिल पारेख: ₹80.62 करोड़
विप्रो के श्रीनिवास पल्लिया: ₹53.64 करोड़
टेक महिंद्रा के मोहित जोशी: ₹53.9 करोड़।
इस तुलना से स्पष्ट है कि विजयकुमार भारतीय आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले CEO बन गए हैं।
लीडरशिप का असर: कंपनी को कैसे फायदा हुआ?
ईटी नाऊ के मुताबिक विजयकुमार के नेतृत्व में HCL Tech का मार्केट कैप मार्च 2016 के ₹1.15 लाख करोड़ से बढ़कर मार्च 2025 तक ₹4.32 लाख करोड़ हो गया, जो 3.8 गुना की वृद्धि दर्शाता है। इसी अवधि में अन्य शीर्ष आईटी कंपनियों का कैपिटल औसतन सिर्फ 2.5 गुना बढ़ा। कंपनी ने इस उपलब्धि को उनके “योगदान और दीर्घकालिक नेतृत्व” का परिणाम बताया है।
हालिया चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
तिमाही नतीजे: अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 9.7% घटकर ₹3,843 करोड़ रहा, जिसका कारण बढ़े खर्चे और एक क्लाइंट के दिवालिया होने का असर बताया गया।
आगे का रोडमैप: रेवेन्यू ग्रोथ का लक्ष्य बढ़ाकर 3-5% कर दिया गया है (पहले 2-5% था), जो आने वाली तिमाहियों में नए ऑर्डरों की उम्मीद पर आधारित है।