होम बिज़नेस Double Trouble For Anil Ambani, In Fresh Probe Agency ED Writes To Multiple Banks seek loan details अनिल अंबानी पर ED का दोहरा शिकंजा, अब दर्जन भर बैंकों को चिट्ठी लिख बढ़ाईं मुश्किलें, India News in Hindi

Double Trouble For Anil Ambani, In Fresh Probe Agency ED Writes To Multiple Banks seek loan details अनिल अंबानी पर ED का दोहरा शिकंजा, अब दर्जन भर बैंकों को चिट्ठी लिख बढ़ाईं मुश्किलें, India News in Hindi

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प्रवर्तन निदेशालय साल 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के कथित ऋण हेराफेरी की जांच कर रही है। इस मामले में ED ने अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया है।

केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक तरफ रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के समूह की कंपनियों के खिलाफ करोड़ों रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें 5 अगस्त को पूछताछ के लिए समन भेजा है, तो दूसरी तरफ दर्जन भर ऐसे बैंकों को चिट्ठी लिखकर उनकी मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं, जिन्होंने उनकी कंपनियों को लोन दिए थे। ईडी ने उन बैंकों को पत्र लिखकर उनकी कंपनियों को दिए गए ऋणों का विवरण मांगा है। मामले से जुड़े लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने 12-13 सार्वजनिक और निजी बैंकों को पत्र लिखकर रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस को दिए गए लोन का विवरण माँगा है। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने जिन बैंकों को चिट्ठी लिखी है, उनमें भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल है।

जो लोन बन गए NPA…

रिपोर्ट में कहा गया है कि ईडी अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप को दिए गए ऋण के मामले में उन लोन्स को स्वीकृत करने और जारी करने वाले बैंक अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है, जो बाद में NPA बन गए। सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने ऋण मंजूरी की प्रक्रिया, चूक की समय-सीमा और ऐसे खातों पर की गई वसूली कार्रवाई का विवरण भी माँगा है।

पिछले हफ्ते पहली गिरफ्तारी

एजेंसी ने पिछले हफ्ते अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनियों के खिलाफ 3,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में पहली गिरफ्तारी की थी। बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को शुक्रवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि ये गारंटी रिलायंस पावर की ओर से दी गई थी।

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3,000 करोड़ रुपये के कथित ऋण हेराफेरी का मामला

बता दें कि ईडी 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के कथित ऋण हेराफेरी की जांच कर रही है। एजेंसी ने पाया है कि बैंक के प्रवर्तकों को ऋण स्वीकृत होने से ठीक पहले भुगतान भी प्राप्त हुआ था, जो एक लेन-देन व्यवस्था का संकेत देता है। एजेंसी ने पिछले महीने इस मामले से जुड़ी 50 से अधिक फर्मों पर छापे मारे थे। अंबानी के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है।

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