जमीन के बदले नौकरी देने का यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल से जुड़ा है। आरोप है कि लालू यादव ने कई लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीनें अपने बेटों और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम करवाई थीं।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले नौकरी देने के मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि बिहार के रहने वाले एक शख्स ने अपने बेटे को रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए साल 2005 में अपनी दो जमीनें तेजस्वी और तेजप्रताप को गिफ्ट डीड कर दी थी। ये जमीनें लालू यादव के दोनों बेटों के नाम तब लिखी गई थीं, जब वे नाबालिग थे। सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में ये आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि ऐसा रेलवे में नौकरी पाने के लिए किया गया था।
सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब घोटाले में दायर चार्जशीट में लालू यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव समेत अन्य के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
राबड़ी देवी के संरक्षण में जमीनें हस्तांतरित
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में आरोप पत्र के हवाले से कहा गया है कि रेलवे में अपने बेटे को नौकरी दिलाने की चाहत रखने वाले पिता ने 14 जून, 2005 को गिफ्ट डीड के जरिए मात्र 5,700 रुपये लेकर तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव के नाम उनकी माँ राबड़ी देवी के संरक्षण में दो जमीनें हस्तांतरित की थीं। उस समय दोनों भाई नाबालिग थे। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इल डीड के लिए स्टांप शुल्क सर्किल रेट और बाजार दर से कम चुकाया गया था।
मार्केट रेट से चार से छह गुना कम रेट
सीबीआई ने आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि जिन लोगों को अपनी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मिली, उनके रिश्तेदारों ने अपनी जमीनें लालू प्रसाद के परिवार को उस सर्किल रेट पर दे दीं जो मौजूदा मार्केट रेट से चार से छह गुना कम थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि लालू परिवार के नाम जमीन लिखने वाले सभी आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें लालू परिवार से नकद में भुगतान किया गया था।
सीबीआई ने आरोप पत्र में यह भी दावा किया है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके करीबी भोला यादव ने गांव में जाकर कहा था कि अपने परिजनों को नौकरी दिलाने के एवज में अपनी-अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दीजिए।
लालू के बेटों के अलावा बेटियां भी आरोपी
CBI ने अपने आरोपपत्र में कुछ ऐसे मामलों का भी उल्लेख किया है जहाँ आरोपियों ने लालू परिवार, खासकर उनकी पत्नी राबड़ी देवी (बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री) को 3.75 लाख रुपये के सर्कल रेट पर अपनी जमीन बेचने का दावा किया है। सीबीआई के अनुसार, 2008 में उन भूखंडों का प्रचलित सर्कल रेट 4.21 लाख था। सीबीआई ने दावा किया है कि मार्केट रेट सर्कल रेट से चार से छह गुना ज्यादा थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि लगभग सभी मामलों में इसी तरह का षडयंत्र किया गया है। बता दें कि इस मामले में लालू-राबड़ी और उनके दोनों बेटों के अलावा सांसद बेटी मीसा भारती, हेमा यादव समेत कई आरोपी हैं। इन सभी के खिलाफ CBI ने चार्जशीट दाखिल की है।