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खराब सड़क और जाम से जूझ रहे मरीज, एमजीएम अस्पताल पहुंचना बनी चुनौती

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खराब सड़क और जाम की वजह से कई बार बिगड़ जाती है मरीजों की स्थिति

Jamshedpur News :

कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अब साकची से डिमना रोड स्थित मेडिकल कॉलेज परिसर में शिफ्ट हो चुका है. नये भवन में इलाज की सुविधाएं बेहतर होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन मरीजों और उनके परिजनों के लिए अस्पताल तक पहुंचना ही सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. रोजाना 1200 से अधिक मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन खराब सड़क, लगातार जाम और अतिरिक्त भाड़े की वजह से उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.

जाम और गड्ढों से बिगड़ रही मरीजों की हालत

मानगो पुल से लेकर डिमना मेडिकल कॉलेज परिसर तक पहुंचने वाली सड़क पर हमेशा ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है. सड़क जगह-जगह से टूटी हुई है और गड्ढों से भरी पड़ी है. ऐसे में मरीजों को लाने वाली गाड़ियों को बार-बार झटका लग रहा है, जिससे गंभीर मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है. बारीडीह, टेल्को, बागबेड़ा और रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाले लोगों को पहले साकची आना पड़ता है, फिर वहां से मानगो होते हुए डिमना पहुंचना पड़ता है. इससे समय और खर्च दोनों बढ़ जाता है. कई परिजनों ने बताया कि रिजर्व गाड़ी करने पर खर्च दोगुना हो रहा है.

जानकारी के अभाव में लोग पहुंच रहे पुराने अस्पताल

ग्रामीण इलाकों से आने वाले कई मरीजों को अब तक यह जानकारी नहीं है कि एमजीएम अस्पताल डिमना रोड पर शिफ्ट हो चुका है. पोटका, घाटशिला और आस-पास के क्षेत्रों से आने वाले मरीज अक्सर पुराने एमजीएम अस्पताल पहुंच जाते हैं. वहां गेट पर तैनात होमगार्ड जवान उन्हें नश्े अस्पताल का पता बताते हैं. ऐसे में उन्हें अतिरिक्त समय और पैसा खर्च कर डिमना पहुंचना पड़ता है.

एक्स-रे सुविधा अधूरी, मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा

नये अस्पताल में फिलहाल पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से काम चलाया जा रहा है. लेकिन इस मशीन से रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) और मोटे मरीजों के कमर का एक्स-रे संभव नहीं है. पुराने अस्पताल की मशीन अभी तक शिफ्ट नहीं हुई है और उस कमरे में ताला जड़ा हुआ है. मजबूरन मरीजों को बाहर निजी क्लीनिक में एक्स-रे कराना पड़ रहा है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने बताया कि इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अगले एक सप्ताह में मशीन को नये परिसर में शिफ्ट कर दिया जायेगा.

अस्पताल प्रशासन ने उठाये कुछ कदम

अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों की सुविधा के लिए कई उपाय किये गये हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों को उनकी बीमारी के आधार पर संबंधित विभाग की जानकारी दी जाती है. पर्ची पर कमरे का नंबर भी लिखकर दिया जाता है. इसके अलावा अस्पताल परिसर में टीवी स्क्रीन लगायी गयी है, जिस पर विभाग से जुड़ी जानकारी दिखायी जाती है. एक अलग पूछताछ केंद्र भी खोला गया है, ताकि मरीजों को सही जगह पहुंचने में मदद मिल सके.

मरीज और परिजनों की आपबीती

केस 1

कांड्रा निवासी अजय कुंभकार ने बताया कि रविवार को वे अपने पिता जगरनाथ कुंभकार को इमरजेंसी लेकर आये. उनके पिता हाथ-पैर की सूजन के कारण चलने-फिरने में असमर्थ थे. गाड़ी से लाते वक्त जगह-जगह गड्ढों और डिमना चौक पर जाम ने उनकी परेशानी बढ़ा दी.

केस 2

बिरसानगर निवासी उमेश राम के परिजनों ने भी इसी तरह की परेशानी बतायी. उमेश राम को सिर में गंभीर चोट लगी थी और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाना जरूरी था. परिजनों ने बताया कि मानगो से डिमना तक जाम और अतिक्रमण के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. काफी मुश्किल से वे अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें रांची रिम्स रेफर कर दिया.

नये अस्पताल परिसर तक जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग

मरीजों और परिजनों का कहना है कि नये अस्पताल परिसर तक जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाये. सड़क की मरम्मत और चौड़ीकरण जरूरी है. साथ ही ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाना चाहिए. जब तक सड़क और ट्रैफिक की समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक डिमना रोड स्थित एमजीएम अस्पताल तक मरीजों का सफर कठिन बना रहेगा.

मरीजों को अस्पताल पहुंचने में इन परेशानियों का करना पड़ रहा सामना

मानगो से लेकर डिमना अस्पताल तक जामसड़क पर जहां-तहां गड्ढे, जिससे जाने में हो रही परेशानी

साधन का अभाव, बारीडीह, टेल्को, स्टेशन, बागबेड़ा सहित स्टेशन की ओर से आने वाले लोगों को पहले साकची आना होगा, उसके बाद मानगो के लिए साधन मिलेगागाड़ी रिजर्व कर जाने में ज्यादा लगता है पैसा

अस्पताल आने में मरीजों को काफी हो रही परेशानी

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