खलारी. खलारी निवासी रांची विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ एसके घोषाल ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और झारखंड का नाम रोशन किया है. उन्हें इंग्लैंड के लंदन में आयोजित 39वें अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष, वास्तु एवं योगा सेमिनार में ‘ज्योतिष भूषण’ सम्मान से नवाजा गया. यह सम्मान उन्हें भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित उनके उत्कृष्ट शोध कार्य और प्रस्तुति के लिए प्रदान किया गया. डा घोषाल ने इस सेमिनार में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा में ज्योतिषीय तथ्य’ विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने वेद, उपनिषद, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, भगवद्गीता और आयुर्वेद जैसे प्राचीन ग्रंथों में निहित ज्योतिषीय तत्वों को विस्तारपूर्वक रेखांकित किया. उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार जन्मकुंडली के माध्यम से विभिन्न रोगों का पूर्वानुमान लगा कर योग और आयुर्वेद के माध्यम से उनका सस्ता, सरल और प्रभावी उपचार संभव है. सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में पाश्चात्य ज्योतिष विशेषज्ञ एवं रोहिणी एकेडमी आफ एस्ट्रोलॉजी (लंदन) की चेयरमैन एलेक्स ट्रेनोविथ उपस्थित थीं. विशिष्ट अतिथि के रूप में हांगकांग से ख्यात ज्योतिषाचार्य ईश्वर प्रसाद और आयोजन समिति के सचिव संदीप बोस भी मौजूद रहे. कार्यक्रम में देश-विदेश के कुल 45 प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों ने भाग लिया. डा घोषाल की इस उपलब्धि पर रांची विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान विभाग की निदेशक प्रो. अर्चना दुबे, पूर्व निदेशक डा मधुलिका वर्मा, डॉ श्रीप्रकाश सिंह, डा भारती द्विवेदी, डा शैलेश मिश्र, डा चंद्रशेखर मिश्र, डा धीरेंद्र दूबे, डा अटल पांडेय सहित अनेक शिक्षकों और शोधार्थियों ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है.
रांची विश्वविद्यालय और झारखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिलाई पहचान
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