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अमेरिका के लिए क्यों चैलेंज बना चीन-रूस का वॉर ड्रिल? पुतिन के बदले का ब्लूप्रिंट तैयार

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डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन

रूस-चीन के साथ मिलकर जापान सागर में युद्धाभ्यास कर रहा है. 2012 के बाद 2025 में यानी पूरे 13 साल बाद चीन और रूस मिलकर वॉर ड्रिल कर रहे हैं. रूस-चीन के गठबंधन से जापान ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है जबकि अमेरिका के लिए ये एक चैलेंज है. इस ड्रिल में चीन के 2 एयरक्राफ्ट कैरियर और 10 वॉरशिप उतारे हैं जबकि रूस की तरफ से 12 वॉरशिप और 5 एटमी सबमरीन लगाई गई हैं.

साथ ही रूस और चीन के बॉम्बर्स भी ड्रिल में शामिल हैं. इस युद्धाभ्यास से ताइवान, फिलीपींस और जापान में खलबली मच गई है क्योंकि तीनों देशों की समुद्री सीमा तक रूस-चीन के वॉरशिप पहुंच रहे हैं. इसके अलावा ताइवान के एयरस्पेस में भी चीनी फाइटर जेट घुसपैठ कर रहे हैं, जिसके बाद ताइवान ने अलर्ट जारी करके अमेरिका से गुहार लगाई है. अब अमेरिका ईस्टर्न पैसिफिक से अपनी फ्लीट को जापान सागर भेज रहा है, जिससे चीन-रूस के साथ अमेरिका का टकराव हो सकता है.

यानी बाल्टिक और पैसिफिक के अलावा जापान सागर में अमेरिका-रूस आमने सामने हैं. बाल्टिक में रूसी सबमरीन और अमेरिकी सबमरीन टकरा रही हैं जबकि पैसिफिक में रूस और अमेरिका के वॉरशिप आस-पास ही युद्धाभ्यास कर रहे हैं. इसके अलावा जापान सागर में रूस-चीन के वॉरशिप तैनात हैं. वहां अमेरिका अपनी फ्लीट भेज रहा है.

रूस की तैयारियों से नाटो देशों में हड़कंप

रूस की तैयारियों से नाटो देशों में हड़कंप मचा हुआ है. फ्रांस ने कहा है कि 2030 तक रूस यूरोप में बड़ा हमला कर सकता है, जो परमाणु विस्फोट भी हो सकता है जबकि यूक्रेन तो कह चुका है कि तबाही का दायरा इसी साल बढ़ेगा. अगर यूक्रेन को नहीं बचाया गया. यूक्रेन का अंदाजा सही भी हो सकता है क्योंकि जिस तेजी से रूस लॉन्ग रेंज हथियारों का प्रोडक्शन बढ़ा रहा है.

उससे साफ है कि वो किसी बड़ी तैयारी में है. जल-थल और नभ से हमले कर सकता है क्योंकि रूस उन तमाम देशों को लेकर आक्रोशित हैं, जिन्होंने यूक्रेन को हथियार भेजे हैं. साथ ही ट्रंप के यू टर्न को लेकर रूस बौखलाया हुआ है. पुतिन ने बदले का ब्लूप्रिंट बना लिया है. यही वजह है कि रूस हर मोर्चे पर आक्रामक है फिर वो चाहे नाटो के पावरफुल देश ही क्यों ना हो?

अमेरिका की धमकी पर रूस आक्रामक

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि रूस का समंदर में अतिक्रमण एक आक्रमण की तरह है. रूस को पलटवार के लिए तैयार रहना होगा. यूरोप में अब समीकरण बदल रहे हैं. ट्रंप ने कहा कि हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं, जिसके बाद मैंने दो परमाणु सबमरीन उनके समुद्री क्षेत्र में भेजी हैं, जिससे उनकी धमकी को जवाब दिया जा सके. अमेरिका की धमकी को रूस ने गंभीरता से लिया है इसलिए समंदर में तैनाती बढ़ाई जा रही है.

आर्कटिक, पैसिफिक, अटलांटिक, बाल्टिक और काला सागर में रूस ने अपनी न्यूक्लियर सबमरीन तैनात की हैं, जिससे यूरोप के अलावा अमेरिका को भी काउंटर किया जा सके. इसके लिए चीन और नॉर्थ कोरिया से गठबंधन किया है जबकि कुछ दिन पहले रूस के नौसेना दिवस पर इन सभी जगहों पर एक साथ युद्धाभ्यास किया था.

ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष

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